05. गर्भकल्याणक गीत
गर्भकल्याणक गीत धरती का तुम्हें नमन है, आकाश का तुम्हें नमन है। चन्दा सूरज करें आरती, छुटते जनम मरण हैं।। सौ सौ बार नमन है।। ऋषभदेव जिनवर को युग का, सौ-सौ बार नमन है।। टेक.।। प्रभु का गर्भकल्याणक उत्सव, इन्द्र मनाया करते। छः महिने पहले कुबेर, रत्नों की वर्षा करते।। तीर्थंकर माँ के आँगन में,...