आसक्ति भौतिक वस्तुओं से नहीं परमेश्वर से हो
आसक्ति भौतिक वस्तुओं से नहीं परमेश्वर से हो वर्तमान समय का मनुष्य भौतिकवाद की चकाचौंध में अत्यधिक लिप्त हो गया है। इस कारण उसे मानवता के मूल्यों का विस्मरण हो गया है। भगवान को स्मरण का प्रश्न ही नहीं। आत्मा और परमात्मा की चर्चा करना ही नहीं चाहता। इन्द्रियों की तृप्ति ही उसके जीवन का…