07. मूलाचार सार
मूलाचार सार (१) छह आवश्यक अधिकार पंच नमस्कार- काऊण णमोक्कारं अरहंताणं तहेव सिद्धाणं। आइरियउवज्झाए लोगम्मि य सव्वसाहूणं।।५०२।। अरिहंति णमोक्कारं अरिहा पूजा सुरुत्तमा लोए। रजहंता अरिहंति य अरहंता तेण उच्चंदे।।५०५।। दीहकालमयं जंतू उसिदो अट्ठकम्महिं। सिद्धे धत्ते णिधत्ते य सिद्धत्तमुवगच्छइ।।५०७।। सदा आयारबिद्दण्हू सदा आयरियं चरो। आयारमायारवंतो आयरिओ तेण उच्चदे।।५०९।। बारसंगे जिणक्खादं सज्झायं कथितं बुधे। उवदेसइ सज्झायं तेणुवज्झाउ…