हम कब समझेंगे अपने पुरातत्त्व का महत्त्व!
हम कब समझेंगे अपने पुण्यत्व का महात्त्व प्रो. भागचंद्र जैन भास्कर, नागपुर, सम्पादक प्राचीन तीर्थ जीर्णोद्धारकर्ता एक समय था जब हमारे पूर्वज जीर्णोद्धार का सही महत्व समझा जाता था। उनके मन में अपने अनुग्रह के प्रति श्रद्धा थी, मान सम्मान था, पाप से भय था, पुण्यार्जन की ओर कदम अधिक बढ़ते थे माता-पिता की इज्जत…