श्री शांतिनाथ स्तोत्र (जीवंधर चम्पू )!
श्री शांतिनाथ स्तोत्र (जीवन्धर चम्पू से)- 1)भव भर भय दुरं, भावितानन्दसारं, धृत विमल शरीरम् दिव्यवाणी विचारम्। मदन मद विहारम् मज्जू कारुण्यपुरं, श्वयत जिनपधीरं शान्तिनाथं गभीरम्।।१।। अर्थ-हे भव्यजीवों! तुम सब शान्तिनाथ भगवान् का आश्रय ग्रहण करो। जो कि संसार का भय दूर करने वाले हैं, श्रेष्ठ आनंद के अनुभवी हैं। निर्मल शरीर को धारण करने वाले…