०१. मरुभूति – प्रथम भव!
मरुभूति प्रथम भव प्रथम दृश्य (मंच पर सामूहिक प्रार्थना) धरती का तुम्हें नमन है, आकाश का तुम्हें नमन है। …
मरुभूति प्रथम भव प्रथम दृश्य (मंच पर सामूहिक प्रार्थना) धरती का तुम्हें नमन है, आकाश का तुम्हें नमन है। …
अहमिन्द्र Deities declaring ‘I am Indra’. मैं इन्द्र हूँ’ इस प्रकार अपने को इन्द्र उद्घोषित करने वाला कल्पातीत देव ।
अयोध्या उत्तर प्रदेश के फैजाबाद ज़िले में स्थित यह अयोध्या नगरी एक प्रसिद्ध तीर्थ के रूप में माना जाता है । मर्यादापुरुषोत्तम भगवान राम का जन्म भी अयोध्या में हुआ था । वर्तमान में अयोध्या अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त तीर्थ माना जाता है । जन्म स्थान यहाँ भगवान ऋषभदेव आदि पाँच तीर्थंकरों अजितनाथ”अजितनाथ भगवान, अभिनन्दननाथ, अभिनन्दननाथ…
भगवान आदिनाथ का प्रथम आहार हस्तिनापुर तीर्थ तीर्थों का राजा है। यह धर्म प्रचार का आद्य केन्द्र रहा है। यहीं से धर्म की परम्परा का शुभारंभ हुआ। यह वह महातीर्थ है जहाँ से दान की प्रेरणा संसार ने प्राप्त की। भगवान आदिनाथ ने जब दीक्षा धारण की उस समय उनके देखा-देखी चार हजार राजाओं ने…
गणिनीप्रमुख आर्यिकाशिरोमणि श्री ज्ञानमती माताजी का संक्षिप्त-परिचय alt – Gyanmati mataji, religion –जैन sect – दिगम्बर subsect – बीसपन्थ birth name – कु. मैना birth date – 22/10/1934, शरद पूर्णिमा birth place – टिकैतनगर, बाराबंकी, उत्तर प्रदेश father – श्री छोटेलाल जी mother – श्रीमती मोहिनी देवी initiator – आचार्य वीरसागर जी…
पूज्य प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चन्दनामती माताजी का संक्षिप्त परिचय alt – Chandanamati mataji religion – जैन sect – दिगम्बर subsect – बीसपन्थ birth name – ब्र. कु. माधुरी शास्त्री birth date – १८-५-१९५८ (ज्येष्ठ कृष्णा अमावस्या) birth place – टिकैतनगर, बाराबंकी, उत्तर प्रदेश mother – श्रीमती मोहिनी देवी father – श्री…
भगवान महावीर की जन्मभूमि कुण्डलपुर भगवान महावीर की जन्मभूमि कुण्डलपुर है या वैशाली। यह विवाद समाज के सामने आया, किंतु सभी चुप रहे। पूज्य गणिनी आर्यिका ज्ञानमती माताजी इस आगम विरुद्ध बात को बिल्कुल सहन नहीं कर सकतीं। प्राचीन काल से अभी तक कुण्डलपुर का प्राचीन मंदिर और वहाँ होने वाली अनवरत भक्ति पूजा वहाँ…
अनुप्रेषित ऋषभदेव आदिनाथ The first Tirthankar (Jaina Lord), born in Ayodhya, His father was Nabhirai & mother was Marudevi. He took Jaina initiation in Prayag (Allahabad). After doing austerity for 1000 years, He got omniscience & ultimately got salvation from Kailash Parvat (a mountain). ऋषभदेव-भरतक्षेत्र में वर्तमान चैबीसी के प्रथम तीर्थंकर। चैत्र कृ.9 को इनका…