उत्तम त्याग धर्म श्री रइधू कवि ने अपभृंश भाषा में त्याग धर्म के विषय में कहा है चाउ वि धम्मंगउ तं जि अभंगउ णियसत्तिए भत्तिए जणहु।पत्तहं सुपवित्तहं तव—गुण—जुतहं परगइ—संबलु तुं मुणहु।।चाए अवगुण—गुण जि उहट्टइ, चाए णिम्मल—कित्ति पवट्टइ।चाए वयरिय पणमइ पाए, चाए भोगभूमि सुह जाए।।चाए विहिज्जइ णिच्च जि विणए, सुहवयणइं भासेप्पिणु पणए।अभयदाणु दिज्जइ पहिलारउ, जिमि…
कर्मव्यवस्था पर टिका है जैन सिद्धान्त प्रस्तुति- आर्यिका चंदनामती संसार और मोक्ष की समस्त व्यवस्था कर्म के आधीन है। जिस सृष्टि की रचना में लोक परम्परानुसार ब्रह्माजी को कर्तारूप में माना जाता है, जैन सिद्धान्त के अनुसार वह ब्रह्मा और कोई नहीं, कर्म ही है। आचार्य श्री नेमिचन्द्र सिद्धान्तचक्रवर्ती ने कहा भी है— देहोदयेण सहिओ…
कुण्डलपुर (भगवान महावीर की जन्मस्थली-पूजा एवं भजनों के अन्तर्गत ) -श्रीमती उषा पाटनी, इंदौर (सहसम्पादिका-ऋषभदेशना) नृप सिद्धार्थ सूर्य के घर जनमें चन्द्र सलोने, त्रिशला की ममता के कर में चेतन बने खिलौने। कुण्डलपुर का जनमानस आनंदित हो हर्षाया, नंद्यावर्त महल में जब महावीर ने जनम है पाया।। यह निर्विवाद सत्य है कि इतिहास के परिप्रेक्ष्य…
आधुनिक विज्ञान के सापेक्ष: मार्गदर्शक,आनंददायी, वीतरागी कर्म विज्ञान सारांश पुरुषार्थ और प्रारब्ध, भौतिकता तथा आध्यात्मिकता का द्वंद्व सदा से रहा है। भौतिकवाती जीवन दर्शन के चलते ही आधुनिक विज्ञान के अनवरत अनुसंधान के बाद भी प्राचीन जीवन विज्ञान से आज का विज्ञान कोसों दूर दिखता है। जीव विज्ञान, जीव विज्ञान के नूतन ज्ञान क्लोनिंग तथा…
अनुमतित्याग-स्वजनों से या परजनों से पूछा गया अथवा नहीं पूछा गया जो श्रावक अपने ग्रहस्थ कार्य में अनुमोदना नहीं करता है उसे अनुमतित्याग दसवीं प्रतिमाधारी श्रावक जानना चाहिए “