परिग्रह :!
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:सूक्तियां ]] == परिग्रह : == अत्थो मूलं अणत्थाणं। —मरणसमाधि : ६०३ अर्थ अनर्थों का मूल है। किं किंचनमिति तर्क:, अपुनर्भवकामिनोऽथ देहेऽपि। संग इति जिनवेरन्द्रा:, निष्प्रतिकर्मत्वमुद्दिष्टवन्त:।। —समणसुत्त : ३७६ जब अरहंत भगवान ने मोक्षाभिलाषी को ‘शरीर भी परिग्रह है’ कहकर देह की उपेक्षा करने का उपदेश दिया है, तब अन्य परिग्रह…