पंचबालयति!
वासुपूज्य,मल्लिनाथ,नेमिनाथ,पार्श्वनाथ,महावीर ये पंचबालयति होते है”
आर्जव धर्म सरलता का भाव धारण करना आर्जव धर्म है,मन,वचन,काय को कुटिल नहीं करना”मायाचारी का त्याग करके सरलता का भाव प्रगट करना उत्तम आर्जव धर्म है”
मार्दव धर्म! सोचता है पथिक सच तो कह रहा है, जिसे कठोर समझ रहा था, वह तो है नरम-नरम। स्वादिष्ट भोजन खाकर भी कड़क बात कठोर बात बोलता हूं, अपनी वाणी को नहीं तोलता हूँ। पथिक ने पर्वत से कहा-हे मेरे शिक्षक पर्वतराज! तुमने बताई आज पते की बात। अब मैं मृदु बनूँगा, कोमलता को…
श्रुतस्कंध व्रत विधि— भादों मास में भादों कृष्णा प्रतिपदा से लेकर आश्विन कृष्णा प्रतिपदा तक यह व्रत किया जाता है। इसमें एक महिने में उत्कृष्ट १६ उपवास, मध्यम १० और जघन्य ८ उपवास करें। पारणा के दिन यथाशक्ति नीरस या एक- दो आदि रस छोड़कर एक बार भोजन (एकाशन) करें। १६ उपवास करने में प्रतिपदा…
एक प्रेरक प्रसंग एक बार भगवान महावीर बालक अवस्था में कुण्डलपुर के उद्यान में अपने मित्रों के साथ एवं इन्द्र बालकों के साथ बालक्रीडा कर रहे थे । वहाँ एक संगम नामक देव ने आकर भयंकर सर्प का रूप धारण कर हलचल मचा दी । सर्प को देखकर सभी बालक डर के मारे इधर-उधर भागने…
कुण्डलपुर का ऐतिहासिक स्वरूप-(फरवरी २००३ में प्रस्तुत) -डा. ब्रजेशकुमार ‘वर्मा’, नालंदा (बिहार) जैनियों का संबंध ‘कुण्डलपुर’ से अतिप्राचीन काल से ही रहा था और रहेगा यह ‘कुण्डलपुर’ नगरी ही जैनधर्म के चौबीस तीर्थंकरों में से भगवान महावीर की पावन जन्मभूमि है। वर्तमान में कई आधुनिक इतिहासकारों तथा पुरातत्वविदों ने इस स्थल को दिग्भ्रमित बनाये…
इक्कीसवीं सदी के अहिंसक बाघ और बकरी की कहानी — सुरेश जैन (आई. ए. एस) टाइम्स ऑफ इंडिया नागपुर से यह समाचार प्रकाशित हुआ कि बोर वन्य अभयारण्य में पूर्ण विकसित नर बाघ को भोजन के लिये उसके बाड़े में एक जीवित बकरी छोड़ी गई। अभयारण्य के अधिकारियों को यह विश्वास था कि बाघ बकरी…