पृथ्वीकाय ३६ या ४०!
पृथ्वीकाय ३६ या ४० जैन दर्शन के अनुसार पृथ्वी एकेन्द्रिय जीव है और पृथ्वीकाय के नाम से जाना जाता है। जैन ग्रंथों में इसके लिए पृथ्वी, पृथ्वीकाय, पृथ्वीकायिक, पृथ्वीजीव जैसे शब्दों का भी प्रयोग किया गया है। यद्यपि ये सभी शब्द पृथ्वीजीव से ही संबंधित हैं परन्तु इनमें कुछ अंतर है, जिसे प्रस्तुत निबंध में…