सत्वेषु मैत्री— क्षमावाणी का उद्देश्य जो गल्ती नहीं करता है, उसे भगवान कहते हैं। जो गल्ती करके सुधारता है, उसे इंसान कहते हैं। जो समझे न गल्ति को, उसे हैवान कहते हैं। जो करता गल्ती पर गल्ती, उसे शैतान कहते हैं।क्षमावाणी पर्वाधिराज पर्युषण पर्व के कलशारोहण का दिन है, पर्युषण पर्व का प्रारंभ क्षमा रूपी…
श्री भगवान पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर, टिकैतनगर -ब्र. कु. मंजू जैन (संघस्थ) भगवार पार्श्वनाथ दि.जैन मंदिर टिकैतनगर अवधप्रांत के बाराबंकी जिले में स्थित है, यह स्थान लखनऊ से ८० कि.मी. एवं शाश्वत तीर्थक्षेत्र अयोध्या जी से ७० कि.मी. दूर है। समीपवर्ती अन्य तीर्थक्षेत्र धर्मनाथ जन्मभूमि रौनाही, भगवान सम्भवनाथ जन्मभूमि श्रावस्ती जी तीर्थक्षेत्र हैंं। लखनऊ, बाराबंकी,…
भारतीय जैव विविधता के शत्रु भारतीय संस्कृति, जनजीवन, वनवासी के जीवन एवं पर्यावरण में वृक्षों का महत्वपूर्ण स्थान है, परन्तु दुर्भाग्यवश हमारी अज्ञानता ने भारतीय जैव विविधता को नुकसान पहुँचाना आज भी जारी रखा है। आज भारत को स्वतंत्र हुये लगभग ६७ वर्ष हो गये हैं परन्तु हमारी जंगल, वृक्ष आज भी अंग्रेजों के द्वारा…
बरसात की बीमारियों से बचें मई—जून की शरीर जलाने वाली तेज गर्मी के बाद जब बरसात की रिमझिम फुहारें पड़ती हैं तो मानव तो मानव, पशु, पेड़—पौधे सबको एक शीतलता का एहसास होता है। ऐसा लगता है कि प्रकृति ने नहा—धोकर एक साफ सुथरी हरी चादर ओढ़ ली है। ऐसा कहा जाता है कि बारिश…
१० बड़ी चुनौतियां धरती के सामने जनसंख्या बोझ:—दुनिया की आबादी अभी ६.९१ अरब है। वर्ष २०५० तक यह ९.१५ अरब हो जायेगी। संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग के अनुसार यही रफ्तार रही तो अगले ४० साल में १० में से सिर्पक एक को ही भरपेट भोजन मिल पाएगा। तपती धरती :—…
क्षमा की क्षमता क्षमावणी का पर्व सौहार्द, सौजन्यता और सद्भावना का पर्व है। आज के दिन एक दूसरे से क्षमा मांगकर मन की कलुषता को दूर किया जाता है। मानवता जिन गुणों से समृद्ध होती है उनमें क्षमा प्रमुख और महत्वपूर्ण है। क्षमा न हो, तो आदमी को पशुता की खाई में गिरते देर न…
सिंह निष्क्रीडित व्रत सिंह निष्क्रीड़ित विधि-सिंह निष्क्रीडित व्रत जघन्य, मध्यम और उत्कृष्ट के भेद से तीन प्रकार है। इनमें से प्रथम ही जघन्य व्रत की विधि को बतलाते है- जघन्य सिंह निष्क्रीडित व्रत विधि-इसमें पहले एक उपवास एक पारणा और दो उपवास एक पारणा करना चाहिए। फिर एक उपवास एक पारणा, तीन उपवास एक पारणा,…