विद्यार्थी जीवन में सुख की चाह नहीं करनी चाहिये!
विद्यार्थी जीवन में सुख की चाह नहीं करनी चाहिये विधार्थी को अपना जीवन चरित्रवान बनाना अत्यंत आवश्यक है। जीवन की श्रेष्ठता आदर्श और चरित्र से होती है । वह विद्याध्ययन से प्राप्त होती है, यदि विद्याध्ययन में शिथिलता आ जाये तो विद्या उन्नत नहीं होती है। अध्ययन चाहे वकील, इन्जीनियर, विद्वान, डॉक्टर या अन्य किसी…