प्रेरणास्पद कविता
प्रेरणास्पद कविता उच्च आदर्शों की तुम, लहराओ तरंग, जीवन में भर दो, संस्कारों के नवरंग, खिल उठे तुम्हारे, जीवन में नयी उमंग, मिटा डालो जीवन के, तुम सारे बदरंग। अपने मन मंदिर की, तुम बन जाओ पुजारी, त्यागो इसी पल दिल से, बुराई सारी की सारी जीवन में कभी ना करना , परिवार से मक्कारी,...