सम्यग्दर्शन की महिमा!
सम्यग्दर्शन की महिमा -गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी य: सार: सर्वसारेषु, स सम्यग्दर्शनं मतम् । आ मुत्तेर्नहि मां मुञ्चेत्, वृत्तं च विमलीक्रियात्।। सम्पूर्ण सारों में जो ‘‘सार’’ है वह सम्यग्दर्शन ही है। मोक्ष होने तक वह मुझे न छोड़े या मुझसे न छूटे और मेरे चारित्र को भी निर्मल करे। (सम्यग्दर्शन, सद्दर्शन, सद्दृष्टि, सम्यग्दृष्टि, सद्दृक्, सम्यग्दृक्…