आर्यिका श्री चंदनामती माताजी द्वारा सम्पादित ग्रंथों पर समीक्षात्मक विवेचन
परम पूज्य गणिनीप्रमुख श्री ज्ञानमती माताजी की प्रथम आर्यिका शिष्या प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका श्री चंदनामती माताजी ने गुरु प्रेरणा से अब तक २५० ग्रंथों की रचना की है जिस क्रम में उन्होंने तीर्थंकर भगवान ,उनकी जन्मभूमि एवं गुरुओं के जीवनवृत्त को विस्तार रूप से बताने वाले , गुणानुवाद रूप ग्रंथों का संपादन करने में अपनी मुख्य भूमिका निभाई है | अभिनन्दन ग्रन्थ में तत्संबंधित विषयवस्तु अथवा उन महापुरुषों के जीवन के हर एक पहलू पर प्रकाश डाला जाता है | इन अभिनन्दन ग्रंथों का संपादन करके माताजी ने जिनशासन पर महान उपकार किया है |