02. सृष्टि का क्रम
सृष्टि का क्रम भरत क्षेत्र के आर्यखण्ड में अवसर्पिणी-उत्सर्पिणी काल के दो विभाग होते हैं। जिसमें मनुष्यों एवं तिर्यंचों की आयु, शरीर की ऊँचाई, वैभव आदि घटते रहते हैं वह अवसर्पिणी एवं जिसमें बढ़ते रहते हैं वह उत्सर्पिणी कहलाता है। अद्धापल्यों से निर्मित दस कोड़ा-कोड़ी सागर१ प्रमाण अवसर्पिणी और इतना ही उत्सर्पिणी काल भी है,…