लब्धि स्वरूप एवं विश्लेषण!
लब्धि स्वरूप एवं विश्लेषण आत्मा का स्वभाव ज्ञान दर्शन स्वरूप है। इस गुण को आठों कर्मों ने आच्छादित कर दिया है। आत्मा में ज्ञान आदि शक्ति विशेष लब्धि है। लब्धि शब्द का व्युत्पत्तिलक्ष्य अर्थ है— ‘‘लम्भनं लब्धि :—प्राप्त होना। ज्ञानावरण कर्म क्षयोपशमविशेष:’’ (स. सि. २//१८, २९६ पृष्ठ १२७) अर्थात् ज्ञानावरण कर्म के क्षयोपशम विशेष को…