भोगी-अभोगी :!
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:सूक्तियां ]] == भोगी-अभोगी : == अल्लो सुक्को य दो छूठा, गोलया मट्टियामया। दो वि आवडिया कूडे, जो अल्लो सो विलग्गइ।। एवं लग्गंति दुम्मेहा, जे नरा काम लालसा। विरत्ता उ न लग्गंत्ति, जहा सुक्के अ गोलए।। —इन्द्रिय—पराजय शतक : १९-२० जिस प्रकार गीली और सूखी मिट्टी के दो गोले दीवार पर…