आत्मा :!
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] == आत्मा : == अंतरतच्चं जीवो, बाहिरतच्चं हवंति सेसाणि। — कार्तिकेयानुप्रेक्षा : २०५ जीव (आत्मा) अन्तस्तत्त्व है, बाकी सब द्रव्य बहिस्तत्त्व है। सुण्णीकयम्मि चित्ते, णूणं अप्पा पयासेइ। —आराधनासार : ७४ चित्त को (विषयों से) शून्य कर देने पर उसमें आत्मा का प्रकाश झलक उठता है। कत्ता भोत्ता आदा, पोग्गलकम्मस्स होदि ववहारो। —नियमसार…