मांसाहार से छुटकारा कैसे पाएं ? पुस्तकों में वर्णित शाकाहार व मांसाहार के गुण दोषों को समझने व मांसाहार से होने वाले रोगों व हानियों को जानने के बाद जो भाई बहिन मांसाहार को त्याग कर शाकाहारी बनना चाहते हैं, किंतु सामाजिक व पारिवारिक परिस्थितियों के कारण अथवा स्वाद के वश इसको त्यागने में संकोच…
एक बकरे की आत्म-कथा अन्य सभी जीवों की भांति अनेकों योनियों में भ्रमण करने के बाद जब मैं बकरी माँ के गर्भ में आया और पांच महिने गर्भ की त्रास सहने के बाद जब मेरा जन्म हुआ तो एक बार मुझे यह दुनिया बहुत सुन्दर व प्यारी लगी । मनुष्य व उसके छोटे-छोटे बच्चे सब…
सन्डे हो या मन्डे, कोई कभी न खाये अंडे संजय जैन क्या तुमने कभी सोचा है की – अंग लाश के खा जाए क्या फ़िर भी वो इंसान है ? पेट तुम्हारा मुर्दाघर है या कोई कब्रिस्तान ? आँखे कितना रोती हैं जब उंगली अपनी जलती है।। सोचो उस तड़पन की हद जब जिस्म पे…
उचित व्यवसाय का महत्व मनुष्य का भोजन कैसा व क्या हो इसके साथ ही यह भी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं कि जिस धन से भोजन प्राप्त किया गया है वह धन कैसा है । महापुरुषों का कथन हैं कि उद्देश्य के साथ-साथ उसकी प्राप्ति के साधन भी उत्तम होने चाहिए । उत्तम साधन से कमाए हुए…
मांसाहारियों के तर्कों के उत्तर मांसाहार के औचित्य को सिद्ध करने के लिए मांसाहारी जो तर्क प्रस्तुत करते हैं उनके उत्तर इस प्रकार हैं – प्रश्न : प्रकृति जीवन के लिए संग्राम की शिक्षा देती है किन्तु इसका अर्थ दूसरों को मारना और खाना नहीं, अपितु अपने व अन्यों के जीवन की रक्षा के लिए…
संसार के सभी महापुरुषों द्वारा मांसाहार की निन्दा विश्व इतिहास पर दृष्टि डालने से पता चलता हैं कि संसार के सभी प्रसिद्ध महापुरुष चिन्तक, वैज्ञानिक, कलाकार, कवि, लेखक जैसे पाइथागोरस, चूटार्क प्लौटीनस, सर आईजन न्यूटन, महान चित्रकार लिनाडों डाविसी, डाक्टर एनी बेसेन्ट अलबर्ट आईन्सटाइन, रेवरेण्ड डा. वाल्टर वाल्श व जार्ज बर्नार्ड शा, टॉल्सटॉय, कवि मिल्टन,…
अण्डा : जहर ही जहर लेखक डॉ. नेमीचंद जैन, हीरा भैया प्रकाशन, 65 पत्रकार कालोनी, कनाडिया मार्ग, इन्दौर 452001 कोई भी अण्डा शाकाहारी नहीं होता अण्डे दो प्रकार के होते है एक वे जिनसे बच्चे निकल सकते हैं तथा दूसरे वे जिनसे बच्चे नहीं निकलते । मुर्गी यदि मुर्गे के संसर्ग में न आए तो…
मानव की उन्नति के लिए पशु सृष्टि की उपयोगिता मानव व पशु एक दूसरे पर आश्रित अथवा एक दूसरे के पूरक हैं । मानव यदि एक पशु को पालता है तो वह पशु उसके सारे परिवार को पालता है व उसकी अनेकों सेवाएं करता है । तांगेवाला एक घोड़े के सहारे अपने पूरे परिवार का…