महामानसी माता की आरती
महामानसी माता की आरती तर्ज—चाँद मेरे............ आरती महामानसी की-२ श्री शांति प्रभु की, शासन देवी, गरुड़देव की यक्षिणी।। आरती महामानसी की।।टेक.।। सम्यग्दर्शन से सेवित, माँ तुमरी महिमा न्यारी, सुन्दर है रूप तुम्हारा, जिनभक्तों की रखवारी।। आरती महामानसी की।।१।। जो तेरी शरण में आता, मनवांछित फल पाता है, भय, रोग, शोक, दु:ख, दारिद, पल भर...