द्यानतराय!
द्यानतराय A writer who wrote number of books on Jainism. टागरा निवासी एक लेखक ‘पंडित’ जिन्होंने धर्मविलास, पूजापाठ व भक्ति स्तोत्र आदि अनेक ग्रंथों की रचना की। समय- ई. सन् 1676-1723।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
द्यानतराय A writer who wrote number of books on Jainism. टागरा निवासी एक लेखक ‘पंडित’ जिन्होंने धर्मविलास, पूजापाठ व भक्ति स्तोत्र आदि अनेक ग्रंथों की रचना की। समय- ई. सन् 1676-1723।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वचन वंदना –Vachan Vandanaa: Expressing reverential greetings by speech. साधुओं का एक कृतिकर्म; पंच परमेष्ठी के गुणों का वचनों के द्वारा महत्व प्रगट करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निसही – Nisahee. ‘Nisahi’, a word to be pronounced at the time of entering into the temple etc. मंदिर, चैत्यालय, मठ, वसति आदि में प्रवेश करने के लिए वहां रहने वाले भूत, यक्ष, आदिकों से ‘निसही’’ इस शब्द को बोलते हुए पूछकर प्रवेश करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वचन (ॠत) – Vachan (Rta).: True speech or words. ॠत अथवा सत्य वचन “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निष्ठीवन – Nishtheevana. To split out, an infraction of meditative relaxation ; an obstacle related to saint food; coming out phlegm in mouth. थूकना, कायोत्सर्ग का एक अतिचार; आहार अन्तराय; आहार करते समय साधू के द्वारा कफ आदि थूक देने पर निष्ठीवन नाम का अन्तराय होता है “
तूर्यांग A type of wish fulfilling tree (Kalpavriksha). तूर्यांग जाति का एक कल्पवृक्ष जो वाद्य प्रदान करता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वन्शपत्र (योनि) – Vanshapatra (Yoni).: A type of female genital organ . योनि के 3 भेदों में एक भेद;बांस के पत्ते के समान लम्बी योनि “इस योनि से साधारण मनुष्य ही उत्पन्न होते हैं “
त्रिभुवन The three worlds, the entire universe. देखें – त्रिलोक। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शिरोनति – Shironati. A courteous posture – bowing head with folded & joined hands in reverence. कृतिकर्म का एक अंग; दोनों हाथ जोड़कर मस्तक झुकाकर उसमें जोड़े हुए हाथ लगाकर नम्रीभूत होना “