जम्बूस्वामीचरित्र!
जम्बूस्वामीचरित्र Name of a book written by Pandit Rajmalla. पं. राजमल (ई. १५७५-१५९३) द्वारा रचित संस्कृत काव्य , इसमें २४०० पद एवं १३ सर्ग हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
जम्बूस्वामीचरित्र Name of a book written by Pandit Rajmalla. पं. राजमल (ई. १५७५-१५९३) द्वारा रचित संस्कृत काव्य , इसमें २४०० पद एवं १३ सर्ग हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ठकाप्पा (कवि) Name of a Marathi poet. एक मराठी कवि जिन्होंने पाण्डव पुराण की रचना की । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
तिर्यंचयोनिज Beings born in Tiryanch form. जो जिर्यंच की योनिेयों से उत्पन्न हों। 84 लाख योनि में तिर्यंच की योनि 62 लाख है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
छिद्र(घटाछिद्र) Hole, opening, A type of listener, totally unable to understand any preaching. छेद, श्रोता का एक भेद- जिसके हृदय में कुछ भी उपदेश नहीं ठहरे ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सर्वानशन – Sarvaanashana. A type of great austerity pertaining to renunciation of food upto holy death. अनषन तप के दो भेदों में एक भेद, मरण समय में अर्थात् सन्यास काल में मुनि सर्वानषन तप करते है। भक्तप्रत्याख्यान, इंगिनीमरण, प्रायोपगमनमरण अथवा अन्य भी अनेकों प्रकार के मरणों में जो मरण प्र्यत आहार का त्याग करना…
तिमिस (गुफा) Name of a cave of Vijayardh mountain. विजयार्थ पर्वत की गुफा, जहां से गंगा नदी निकलती है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भूतेश – Bhutesha. Name of an Indra (celestial being). भवनवासी देवों के २० इन्द्रों में तीसरा इंद्र “
तंत्रवार्तिक टीका Name of a book written by Someshvar Bhatta. मीमांसा दर्शन की कुमारिल भटट द्वारा रचित एक ग्रंथ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
तापी A river of Bharat kshetra in Arya khand (region). भरतक्षेत्र आर्यखण्ड की एक नदी। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैक्रियिक शारीर –VaikriyikaSarira Transformable body (of deities, hellish beings & great saints). औदारिक आदि ५ शरीरो में दूसरा शरीर, विर्किया ही जिस शरीर का प्रयोजन है वह वैक्रियिक शरीर कहलाता है वैक्रियिक शरीर उपपाद जन्म से देव, नारकियों को व ॠध्दि से महानुनियो को प्राप्त होता है “