इतरेतराभाव!
इतरेतराभाव Mutual/reciprocal state of non-existence, Respective absence. अन्योन्याभाव-पुद्गल द्रव्य की एक वर्तमान पर्याय में दूसरे पुद्गल की वर्तमान पर्याय का अभाव होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
इतरेतराभाव Mutual/reciprocal state of non-existence, Respective absence. अन्योन्याभाव-पुद्गल द्रव्य की एक वर्तमान पर्याय में दूसरे पुद्गल की वर्तमान पर्याय का अभाव होना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
आत्मभूत Integral virtue, self natured, indigenous quality. लक्षण- जो लक्षण वस्तु के स्वरूप में मिला हो उससे मित्र न हो सके, जैसे जीव का लक्षण चेतना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राश्ट्रकूटवंष – जंगतंुग अमोधवर्श आदि राजाओ का वंष। इस वंष का राज्य मालवा प्रदेष में था। राजधानी मान्यखेट थी। Rastrakutavamsa-Name of a dynasty
उत्थितनिविष्ट A type of meditative relaxation (with wrong conceptions). कायोत्सर्ग का एक भेद ध्यान में खड़े हुए भी आत्र्त-रौद्र (खोटे) विचारों का चिंतवन करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रत्नत्रयव्रत – वर्श में 3 बार, भादो, माध चैत्र में विघिपूर्वक षु, 13 से पूर्णिमा तक किया जाने वाला व्रत। Ratnatrayavrata- A particular type of vow or fasting
इंद्रिय प्रत्यक्ष Emperical sense intuition based on observation and experience. सांव्यवहारिक प्रत्यक्ष जो इन्द्रिय और मन की सहायता से पदार्थ को एकदेश स्पष्ट जानता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
ईश्वरसेन Name of an Acharya. नंदिषेण प्रथम के शिष्य एंव नंदिषेण द्वितीय के गुरु।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संबंधाहार (सचित्त) – Sambandhaahaara (Sachitta). A kind of food; as cooked hot vegetable mixed with the raw one etc. It is non-edible according to Jaina philosophy. सचित्त से चेतना द्रव्य लिया जाता है ” इससे सम्बंध को प्राप्त हुआ द्रव्य सचित्त सम्बंधाहार है ” व्रतियों के लिए ऐसा आहार त्याज्य है “
आपृच्छना Obtaining permission, Asking. आतापनादि योग के ग्रहण में, आहारादि की इच्छाएं तथा अन्य ग्रामादि को जाने में नमस्कार पूर्वक पूछकर गुरु आदि के अनुसार करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] युतसिद्ध – दण्ड और दण्डी की भाति जिसमे प्रदेष भिन्नता पायी जाती है। Yutasiddha-combined but having different entities