सहभोजन!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहभोजन – Sahabhojana. Taking food togetherly. एक साथ भोजन करना ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सहभोजन – Sahabhojana. Taking food togetherly. एक साथ भोजन करना ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लब्धिसंवेग संम्पन्नता – तीर्थकर कर्मबंध का छठा कारण रत्नत्रय जनित हर्श का नाम लब्धिसंवेग है। Labdhisamvega Sampannata-A kind of super enjoyment pertaining to Tirthankar (Jaina-Lord)
तीर्थंकर- संसार से पार होने के कारण को तीर्थ कहते हैं। उसके समान होने से आगम को तीर्थ कहते है, उस आगम के कर्ता तीर्थंकर है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सचित्त योनि – Sachitta Yoni. Female genital organ. गुण योनि के 9 भेदों में एक भेद; जीव की उत्पत्ति का सचित्त स्थान “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रादोषिक काल- जिसमें रात का भाग है वह प्रदोश काल है अर्थात् रात के पूर्वभाग के समीप दिन का पष्चिम भाग, वह सुबह-षाम दोनों कालों में प्रदोशकाल कहलाता है। Pradosikakala- The period of Dawn and dusk
आराधना कथाकोष A book written by ‘Brahmachari Nemidatta’. ब्र. नेमिदत्त(ई.1518) द्वारा रचित कथाओं का एक संग्रह।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राणि संयम- शट् काय के जीवों की रक्षा करना। PraniSamyama- Vitality control, Life saving of all beings
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगमत – एक एकांन्तमत। संख्यादर्षन। Yogamata-name of a philosophy
आत्मख्याति A great commentary on ‘Samaysar’ written by Acharya Amritchandra. कुंदकुंदाचार्य कृत समयसार ग्रंथ पर संस्कृत में री अमृतचंद्र आचार्य कृत टीका।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बहुप्रदेशी – काय; जो बहुप्रदेशी होता है अर्थात् 6 द्रव्यों में 5 द्रव्य (जीव, पद्गल, धर्म, अधर्म और आकाश) बहुप्रदेशी होने से अस्तिकाय है। Bahupradesi- Something multi space pointing