त्रिवर्णाचार!
त्रिवर्णाचार A book written by Somdeva Bhattarak. सोमदेव भाट्ठारक (ई. 1610) कृत पूजा- अभिषेक, सूतक- पातक आदि विषयक ग्रंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रिवर्णाचार A book written by Somdeva Bhattarak. सोमदेव भाट्ठारक (ई. 1610) कृत पूजा- अभिषेक, सूतक- पातक आदि विषयक ग्रंथ। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वाग्भट्ट संहिता – Vaagabhatta Sanhitaa.: Name of a treatise written by Pandit Ashadhar. पं. आशाधर कृत न्याय का संस्कृत ग्रन्थ “समय –वि. 1230 – 1300 “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचशती – Panchashati. A book written by Vidyaranya. एक साहित्यप्रवर्तक विद्यारण्य (ई. 1350) कृत एक ग्रंथ “
चतुर्दश पूर्वित्व A type of supernatural power possessed by great saints (Shrut Kevalis). एक प्रकार की ऋद्धि. द्वादशांग श्रुतज्ञान को धारण करने वाले महर्षि अर्थात् श्रुतकेवली इस ऋद्धि के धारी होते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विनयसेन – Vinayasena. Name of an Achaeya, the disciple of Acharya Virasen. पंचस्तूप गुर्वावली के अनुसार धवलाकार आचार्य वीरेसेन स्वामी के शिष्य तथा काष्ठासंघ संस्थापक कुमारसेन के गुरु (ई. ८२०-८७०) “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंचमगति – Panchamagati. Bodiless state of salvation (siddha Gati). सिद्धगति “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संरंभ – Sanranbha. Resolution for some activity. जीवाधिकरण का एक भेद; कार्य करने का संकल्प करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सोमशर्मा – Somasharmaa. Name of a Brahmin character of a Jaina tale. एक ब्रहामण, इसने अपनी कन्या सोश्री का विवाह गजकुमार से करने का निष्चय किया ही था कि गजकुमार विरक्त होकर दीक्षित हो गये । राजकुमार को ऐसा करने से क्रोध में आकर इसने उनके सिर पर अग्नि जलाई थी । उपसर्ग जीतकर…
उवधि An unwarranted behaviour . एक अतिचार मायाचारी पूर्वक अतिचार का अन्यथा कथन करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
देह Body, a type of peripatetic celestial. शरीर, काया, पिशाच, जातीय व्यंतर देवों का एक भेद।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]