योगपरिवर्तन!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगपरिवर्तन – योग सक्रान्ति प्रथम षुक्लध्यान में मन वचन काय योगो का पलटना। Yogaparivartana-Transition of all activities (related to mind speech & body) in auspicious & sacred mode
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगपरिवर्तन – योग सक्रान्ति प्रथम षुक्लध्यान में मन वचन काय योगो का पलटना। Yogaparivartana-Transition of all activities (related to mind speech & body) in auspicious & sacred mode
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुद्धद्रव्य नैगम नय – Shuddhadravya Naigama Naya. A standpoint pertaining to pure matters. शुद्धद्रव्य को विषय करने वाले संग्रह व व्यवहार नय “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुनरुज्जीवन – Punarujjivana. Resurrection, resurgence. पुनर्जीवन “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मृत्यु–Mratyu. Death. मरण; जीवो के प्राणों का विसर्जन या जीव का निष्प्राण हो जाना”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुद्गल बंध – Pudgala Bamdha. Assemblage of two or more matters. दो, तीन आदि पुद्गलों का समवाय संबंध. स्कंध; स्निग्ध- रुक्ष आदि गुणों के कारण पुद्गलों का जो बंध होता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूक्मिणी व्रत – श्रीकृश्ण की पटरानी रूकमणी ने लक्ष्मीमती के भवन मे जो व्रत लिया था।भादों सुदी 8, 10, 12, 14 को उपवास 7, 9, 11, 13, 15 को चारणा इस तरह 8 वर्श तक करना।व्रत विधान संग्रह से उद्धृत । Rukmini Vrata-A specified procedural fasting
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वामा – Vaamaa.: Mother’s name of Lord Parshvanath. भगवान पार्श्वनाथ की माता “अपरनाम ब्राम्ही ,वर्मिला “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पुण्यफल – Punyaphala. The fruit of meritorious actions. पुण्यकार्यों से प्राप्त होने वाला शुभ फल. अर्हन्त अवस्था को पुण्य का उत्कृष्ट फल जानना चाहिए “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वादीभसिंह (अजितसेन )- Vaadibhasingha (Ajitasena).: Name of the disciple of Vadiraj-2. वादिराज-2 के शिष्य ,यादवराज ऐरेयंग शांतराज तेलगु (ई.-1103 ) के गुरु “स्याद्वाद सिद्धि के रचयिता “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंडितमरण –Panditamaran. A type of holy death of saints occurring from the 6th stage of spiritual development (Gunsthan) upto the 11th one. समाधिपूर्वक मरण; छाते गुणस्थान स्वे लेकर ग्यारहवें गुणस्थान तक में होने वाला मरण पंडित मरण है” भक्त प्रत्याख्यान, डंगिनी और प्रायोपगमन ये तीन मरण पंडित मरण है “