यमुना!
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यमुना–Yamuna. Name of a river of Bharat Kshetra Aryakhand (region). भरतक्षेत्र आर्यखंड में स्थित एक नदी”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यमुना–Yamuna. Name of a river of Bharat Kshetra Aryakhand (region). भरतक्षेत्र आर्यखंड में स्थित एक नदी”
जम्बूद्वीप- तीनों लोकों में मध्यलोक के अंदर असंख्यात द्वीप- समुद्रों में प्रथम द्वीप का नाम है – जम्बूद्वीप प्राचीन शास्त्रों में कही गई यह रचना हस्तिनापुर में पू० ज्ञानमती माताजी की प्रेरणा से सन् १९८५ में निर्मित हुई है । उसके दर्शन करने दुनिया भर से लोग हस्तिनापुर आते हैं । अथवा मध्यलोक का प्रथम…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वप्रत्यय उत्पाद – Svapratyaya Utpaada. Self origination caused due to increase & decrease in the property of non-gravity-levity.आत्मा मे अगुरुलधु गुणो की वृद्वि और हानि के निमित से होने वाला उत्पाद स्वप्रत्यय उत्पाद है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पंप: Name of a Jain Kannad poet. राजा अरिकेसरी के समय में हुए एक जैन कन्नड कवि (ई0 941) जिनकी आदिपुराण्चम्पू आदि कृतिया है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीर संघ – ViraSangha. Name of a group of saints after division of Moolsangh (original group). मूलसंघ के विघटन के पश्चात बना जैन साधुओं का एक संघ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वपक्षसाधक हेतु – Svapaksa Saadhaka Hetu. A motive for one’s own fulfillment.हेतु स्वपक्ष का साधक और पर पक्ष का दूषक होना चहिये अर्थात् अपने अभीष्ट अर्थ की सिद्वि करने वाला हेतू।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुख मण्डप–Mukh Mandap. Canopy type space in front of situated–idol of Jaina Lord. अकृत्रिम जिनमंदिरो मेंगर्भ गृह जहा प्रतिमा विराजमान रहती है उसके आगे का मण्डप”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुख–Mukha. The fore–part, entrance, front, mouth, face. अग्रभाग, प्रवेश द्वार, प्रधान–मुख्य, धवला के अनुसार जीव प्रदेशो के विशिष्ट संस्थानों को मुख कहते है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्वतः सिद्व – Svatah Siddha. Self proved or evident.जो स्वभाव से ही सिद्व हो उसे स्वतः सिद्व कहते है अथवा सत् द्रव्य का स्वभाव जो स्वभाव से ही सिद्व है, इसलिये वह अनादि अनंत है।
त्रिखंड A particular triangular sequence of the fruition of Karmas. तीन म्लेच्छखण्डों को त्रिखण्ड कहते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]