स्वसंवेद्य सुख!
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वसंवेद्य सुख – Svsammvedya Sukha. Spiritual bliss. अतीन्द्रिय या आत्मिक सुख। निर्विकल्प ध्यान मे स्थित परम योेगियो के रागदि के अभाव से उत्पन्न स्वसंवेद्य आत्मिक सुख है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वसंवेद्य सुख – Svsammvedya Sukha. Spiritual bliss. अतीन्द्रिय या आत्मिक सुख। निर्विकल्प ध्यान मे स्थित परम योेगियो के रागदि के अभाव से उत्पन्न स्वसंवेद्य आत्मिक सुख है।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यतिपूजा–Yatipuja. Eulogical devotion for saints. शुभ परिणामों से गुरु की पूजन करना”
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वर्णकूला देवी – Svarnakuulaa Devi. Name of the governing deity of Svarnakuulaa Kund (a pond). स्वर्णकूला कुण्ड की स्वामिनी देवी।
देवायु कर्म Celestial life-span Karma, Celestial Longevity determining Karma. आयु कर्म का एक भेद जिसके उदय से जीव निश्चित समय तक देव शरीर में रूका रहे।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनुष्यद्विक- Manushyadvika. A dyad related to human being. मनुष्यगति व आनुपूर्वी “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वराज्य क्रिया – Svaaajya Kriyaa. An auspicious activity of enthronement. गृहस्थ की 53 क्रियाओ मे 43 वीं क्रिया। राजाओ के द्वारा राजाधिराज के पद पर अभिषिक्त करना अतः समा्राट् पद पर अभिषिक्त होना स्वराज्य प्राप्त क्रिया कहलाती है।
एषणा Eating & drinking, A fault of food and hermitage of saints. अशन, पान, खाद्याऔर स्वाद्या का नाम एषणा हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संतान – Santaana. Offsprings, descendants, Name of the 50th planet. गोत्र, कुल, वंश और संतान ये सब एकार्थवाचक नाम है, 88 ग्रहों में 50वां ग्रह “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वभावाराधना – Svabhaavaaraadhanaa. Engrossment in self. समता, माध्यस्थता, शुद्व भाव, वीतरागता, धर्म, स्वभाव की आराधना ये एकार्थवाची शब्द है एवं इन सबको ही स्वभाव की आराधना कहा गया है।