सुरसमिति!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुरसमिति – Surasamiti. See- Surasa. देखे- सुरस ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पार्श्वकृष्टि – Parsvakrsti. A type of Krishtics (gradual destruction of passions). पहले समय में की गई कृष्टि के समान ही अनुभाग लिये जो नवीन कृष्टि द्वितीयादि समयों में की जाती है, पूर्व कृष्टि के पार्श्व में ही उनका स्थान होने से वह पार्श्व कृष्टि कहलाती हैं “
गुरुस्थानाभ्युपगमन क्रिया An auspicious activity related to entrusting the responsibility of saint group to an able saint performed by the head Acharya (spiritual teacher) of the group. गर्भान्वय की ५३ क्रियाओं में एक क्रिया; प्रसन्नतापूर्वक शिष्य को योग्य समझकर गुरु अपने संह के आधिपत्य का गुरुपद प्रदान करें, तो उसे विनयपूर्वक स्वीकार करना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुमतिसागर (आचार्य) – Sumatisaagara (Aachaarya). Name of Digambar Acharya of 20th Century of the tradition of Aacharya Shantisagar (Chhani). आचार्य श्री शांतिसागर जी छाणी (राज0) की परम्परा में हुए एक आचार्य (समय ई0 20 वीं शताब्दी) ।ये तेरह पंथ आम्नाय के कट्टर समर्थक हुए है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पारलौकिक भय – Parlaukika Bhaya. Fear regarding the next birth (fear of next world). ७ भयों में एक भय; मेरा दुर्गति में जन्म न हो इत्यादी प्रकार से ह्रदय का आकुलित होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लेश्या – Leshya.: Karmic stain , Aura , colouration. कषाय से अनुरंजित जीव की मन वचन काय की या जो आत्मा को शुभाशुभ कर्मों से लिप्त करे ” कृष्ण , नील , कपोत , पीत ,पद्य , शुक्ल इसके ये 6 भेद है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पाप आस्त्रव – Papa Asrava. Influx of sinful Karmas. पाप कर्मो के आने के कारणभाव- कलुषता, विषयों के प्रति लोलुपता, पर को परिताप करना आदि”