त्रयदंड!
त्रयदंड Three types of punishment. मन-वचन – काय के अशुभ क्रिया रूप तीन दंड है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रयदंड Three types of punishment. मन-वचन – काय के अशुभ क्रिया रूप तीन दंड है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्मल जल – Nirmala Jala. Pure & holy water of river etc. (an excellence of Lord-Arihant). 14 देवकृत अतिशियोंमें एक अतिशय; तलब आदि का जल निर्मल हो जाना “
फलरस Fruit juice, Fruitional power of Karmas. अंगूर, आम, आदि के रस । कर्मो की फल देने की शक्ति । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
आशीर्विष रस ऋद्धि A type of supernatural power related to cursing one for his death by an angry saint. जिस ऋद्धि के प्रभाव से दुष्कार तप से युक्त मुनि द्वारा ‘मर जाओ’ कहने पर जीव मर जाता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्दु:ख – Nirdukha. Sorrowlessness, Name of a planet. दु:ख रहित अवस्था, एक ग्रह; 88 ग्रहों में 60 वां ग्रह “
तैजस समुद्घात Electric overflow, Phosphorescent extrication. जीवों के अनुग्रह और विनाश में समर्थ तैजस शरीर की रचना के लिए तैजस समुदघात होता है। यह शुभ तैजस और अशुभ तैजस दो प्रकार का है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निरोध – Nirodha. Restraining, Controlling. रोकना, नियंत्रितकरना–गमन, भोजन, शयन और अध्ययन आदि विविध क्रियाओंमें भटकने वाली चित्तवृत्ति को रोक देना “
तेररह Thirteen (13 types of faults and 13 types of conducts in Jainalogy). त्रयोदश पांच पाप, चार कषाय , जुगुप्सा , भय रति, अरति ये 13 दोष है, एंव पांच महावृत , पांच समिति और तीन गुप्ति इस प्रकार चारित्र के 13 भेद यप। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निराभरण – Niraabharana. Compeletely freeness from all ornament (a characteristic of Jina-Lord idol). आभूषण से रहितता जिनप्रतिमाओं का एक लक्षण, जो राग अभाव का एक सूचक है “