त्रसलोक!
त्रसलोक Name of a particular universe (middle universe). सुमेरू पर्वत के मूल से एक राजू लम्बे चैडे क्षेत्र में तिर्यक् त्रसलोक स्थित है, इसे मध्यलोक भी कहते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
त्रसलोक Name of a particular universe (middle universe). सुमेरू पर्वत के मूल से एक राजू लम्बे चैडे क्षेत्र में तिर्यक् त्रसलोक स्थित है, इसे मध्यलोक भी कहते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] प्रकृति संक्रमण – Prakrti Samkramana. Transition of karmic species. कर्म की १० अवस्थाओं में एक अवस्था; बंधरूप प्रक्रति का अन्यरूप परिणमन होना “
देशप्रत्यासत्ति A cause of bonding or co-relation of two matters or elements. संयोग का एक भेद ; दो द्रव्यों के अवयवों का सम्बद्ध रहना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्विचिकित्सा – Nirvichikitsaa. To have reverential belief with free from any disgust on viewing excreta of saints. घृणा नहीं करना, सम्यग्दर्शन के 8 अंगों में तीसरा अंग; रत्नत्रयसे पवित्र साधुओं के मलिन शरीर, मलमूत्रादी से घृणा न करते हुए वस्तुस्वरूप का विचार करना ” परोपकार के निमित भी इस गुण का पालन करना चाहिए…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समरंभ-प्रमादी जीवों का प्राणों की हिंसा आदि कार्य में प्रयत्नशील होना समरंभ है”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] व्यंजन पर्याय –Vyainjana Paryaya. Physical form of beings. जो स्थूल है, शब्द के द्वारा कही जा सकती है और चिरस्थायी है उसे व्यंजन पर्याय कहते हैं ” जैसे-जीव की सिध्द या मनुष्य आदि पर्याय “
आर्यिका Jaina most virtuous and adorable female ascetics are called ‘Aryika’, Name of a book written by Ganini Gyanmati Mataji. नारी जीवन के उत्कृष्ट त्याग की अवस्था।दिगम्बर मुनियों के समान ही आर्यिकाओं की विधि होती है, एक साड़ी मात्र नवधाभक्ति कहते हैं।अहिंसा आदि पांच महाव्रतों का पालन करने वाली यह कर्म शत्रु का विनाश करने…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्वाणभक्ति – Nirvaanabhakti. A devotional prayer for salvation of one, A composition Composed by Acharya Kund-Kund & Acharya Pujyapad. 10 भक्तियों में एक भक्ति-आचार्य कुंद-कुंद द्वारा प्राकृत में रचित एवं आचार्य पूज्यपाद द्वारा संस्कृत में रचित “