गाय!
गाय Cow, A type of listener. एक पशु,स्ग्रोता का एक भेद ; जैसे गाय तृण खाकर दूध देती है , वैसे ही जो श्रोतागण थोड़ा उपदेश सुनकर बहुत लाभ लिया करते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गाय Cow, A type of listener. एक पशु,स्ग्रोता का एक भेद ; जैसे गाय तृण खाकर दूध देती है , वैसे ही जो श्रोतागण थोड़ा उपदेश सुनकर बहुत लाभ लिया करते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
त्रिलक्षणत्व Substances having three factors (origination, destruction and continuity). द्रव्य जो उत्पाद , व्यय, ध्रौव्य तीन लक्षणात्मक होते हैं। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
गार्हपत्य(कुंड) Sacrificial pit of fire. होम करते हुए जो तीर्थंकर की निर्वाण की अग्नि की स्थापना रूप चौकोर कुंद बनाया जता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी :शब्दकोष]] यद्र्छा–Yadrachha. According to one’s own wish. अपनी इस्छा के अनुसार बिना विचारे”
गिरनार(तीर्थ) Name of a place of pilgrimage, from where Lord Neminath got salvation. It is situated in Gujarat state. गुजरात प्रांत में स्थित भगवान नेमिनाथ की निर्वाणभूमि के नाम से प्रसिद्ध एक तीर्थ . जूनागढ़ में राहुल को ब्याहने हेतु बारात लेकर आये नेमिनाथ को पशु बंधन देखकर वैराग्य हो गया था, अतः उन्होंने वहाँ…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विभाव शक्ति – Vibhava Sakti. The power causing karmic binding with soul. जीव और कर्मों में परस्पर बंध को कराने वाली चुम्बक द्वारा खिंचने वाली लोहे की सुई के समान विभाव नाम की शक्ति ” वह जीव के ज्ञानादि भावों के विकार का कारण होती है “
गणितपरिकर्म A kind of Drishtivad Anga containing mathemati-cal contents. १२वें द्रिस्तीवाद अंग का एक भेद, जिसमें गणित के कारण सूत्रों का वर्णन है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनोबल – Manobala. A type of super natural related to having complete knowledge of whole Shrut in Antarmuhurta, Mental strength. ॠद्धि ; श्रुतज्ञानावरण और वीर्यान्तराय प्रकृतियों के उत्कृष्ट क्षयोपशम होने पर अन्तमुहूर्त काल में संपूर्ण श्रुत को जानना , 10 प्राणों में एक ; जीव की सोचने विचारने रूप शक्ति की अभिव्यक्ति…
तृषा Thirst (controlling thirst is an affliction). प्यास , 22 परीषहों में एक परीषहों में एक परीषह। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
गंग Name of an Acharya possessing knowledge of 10 purvas and 11 angas. दस पूर्व और ग्यारह अंगधारी मुनियों में दसवें मुनि अपर्नाम गंगदेव था, हस्तिनापुर के राजा गंगदेव का पुत्र । [[श्रेणी:शब्दकोष]]