स्वसहाय!
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वसहाय – Svasahaya. Absolutely independent. स्त्। जो स्वभाव से ही सिद्व है, इसलिये वह अनादि अनंत है स्वसहाय है, निर्विकल्प है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वसहाय – Svasahaya. Absolutely independent. स्त्। जो स्वभाव से ही सिद्व है, इसलिये वह अनादि अनंत है स्वसहाय है, निर्विकल्प है।
द्रव्यत्व Substantiality. द्रव्य के 6 सामान्य गुणों में एक जिस शक्ति के निमित्त से द्रव्य हमेशा एकसा नहीं रहता, उसकी पर्यायें हमेशा बदलती रहती है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव लोकोत्तर मान – Bhava Lokottara Mana. Extent of knowledge (Nigod to Supreme state). जघन्य से उत्क्रष्ट अवस्था तक का ज्ञान जिससे मापा जाय अर्थात् लब्ध्य-पर्याप्तक सूक्ष्म निगोदिया जीव के जघन्य पर्याय श्रुतज्ञान से लेकर अर्हतों के उत्क्रष्ट केवलज्ञान तक का प्रमाण “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वर्णमध्य – Svarnamadhya. Another name of Sumeru mountain. सुमेरु पर्वत का अपरनाम।
द्रव्य अनुयोग One of the 4 expositions (Anuyogs) of Jainism, dealing with substances (matters) & metaphysics. 4 अनुयोगों में एक – पदार्थों के अस्तित्व तथा उनके प्रमाण का वर्णन अथवा शुद्ध-अशुद्ध जीव आदि छः द्रव्यों का वर्णन।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सन्यास मरण – Sanyaasa Marana. The holy death of an ascetic. मुनि व्रत धारण कर पंडित मरण करना
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वरुप विपर्यास – Svaruupa Viparyaasa. A contary viewpoint regarding the form of a matter. मिथ्यात्व। जिस पदार्थ का जो लक्षण है उससे विपरीत उसका स्वरुप समझना।
दीर्भाग्य Bad luck, Unfortune. दुर्भग नामकर्म रूप आदि गुणों से युक्त होकर भी अप्रीतिकंर अवस्था होना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संतोष भावना – Santosha Bhaavanaa. Attitude of equanimity or satisfaction. मान अपमान में समता रखना, अशन पान आदि के यथायोग्य लाभ में समता रखना संतोष भावना है “
देहमान Investigation related to the body of beings. जीवों की शारीरिक अवगाहना का प्रमाण।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]