प्रमाद प्रत्यय!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमाद प्रत्यय- कर्म बंध के 5 कारणों में एक कारण; षुभ कार्यो में आलस्य करना। PramadaPratyaya- carelessness in auspicious activities
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमाद प्रत्यय- कर्म बंध के 5 कारणों में एक कारण; षुभ कार्यो में आलस्य करना। PramadaPratyaya- carelessness in auspicious activities
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रमाण संग्रह- आचार्य अकलंक भट्ट (ई. 620-680) कृत एक ग्रंथ। PramanaSamgraha- A book written by Acharya AkalankaBhatta
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्यूषकाल- प्रतः का संधि काल। pratyusakala – daybreak, dawn period
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रभास्वर- उज्जवल, चमकीला, सौधर्मेनद्र द्वारा प्रस्तुत वृशदेव का एक नाम। Prabhasvara- Luminous, A name of Lord Rishabhdev given by SaudharmaIndra
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्यासत्ति – घनिश्ठ संपर्क, सादृष्य, निकटता का नाम प्रत्यासति है। वह द्रव्य, क्षेत्र, काल, भव के भेद से चार प्रकार की होती है। pratyasatti – nearness, closeness
द्रव्यतीर्थ Place of pilgrimages. तीर्थंकरों की कल्याणक भूमियाँ, सिद्धक्षेत्र, अतिशयक्षेत्र आदि जिनकी वंदना – अर्चना संसार से तिरने में सहायक होती है। जैसे- अयोध्या, सम्मेदशिखर, कुण्डलपुर आदि।[[श्रेणी: शब्दकोष ]] तीर्थंकरों के पंच कल्याणकों से एवं महापुरुषों के तप- त्याग से पवित्र स्थलों को द्रव्यतीर्थ कहते हैं ।इस द्रव्यतीर्थ को जैन शास्त्रों में तीन भागों में…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रायश्चित – प्रतिसमय लगने वाले अंतरंग व बाह्य दोशों की निवृति करके अंतर्षोधन करने के लिए गुरु के समक्ष किया गया पष्चाताप। Prayascitta- Expiation, Repentance, Atonement, penitence
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्राभृत समास- श्रुतज्ञान के 20 भेदों में 16 वाँ भेद, प्राभृत श्रुतज्ञान में एक अक्षर के बढनें से यह ज्ञान होता है। PrabhrtaPrabhrtaSamasa- A type of Scriptural Knowledge (shrutgyan)