उपयुक्त नोआगम भाव मंगल!
उपयुक्त नोआगम भाव मंगल That which are suitable in volitional auspicious-ness. जो आगम के बिना ही मंगल के अर्थ में उपयुक्त है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपयुक्त नोआगम भाव मंगल That which are suitable in volitional auspicious-ness. जो आगम के बिना ही मंगल के अर्थ में उपयुक्त है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == वीतराग : == यत्सुखं वीतरागस्य मुने: प्रशमपूर्वकम्। न तस्यानन्तभागोऽपि प्राप्यते त्रिदशेश्वरै:।। —ज्ञानार्णव : १९-३ वीतराग मुनि को प्रशम भाव सहित जो सुख प्राप्त होता है, उसका अनन्तवां भाग भी देवेन्द्रों को प्राप्त नहीं होता (अर्थात् इन्द्र के प्राप्त होने वाले सुख से अनंतगुना—अक्षय सुख वीतराग मुनि को प्राप्त…
उपपादक्षेत्र Regional place of birth (of Indras etc.). उपपाद का क्षेत्र।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] श्रद्धान प्रायश्चित – Shraddhaana Praayashchita. Repentance over false belief with acceptance of right belief. मिथ्यात्व को प्राप्त होकर स्थित हुए जीव के महाव्रतों को स्वीकार कर आप्त, आगम और पदार्थों का श्रद्धान करने पर श्रद्धान नाम का प्रायश्चित होता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रवेश मण्डप- प्रवेष द्वार। Pravesa mandapa- Entrance, vestibules porch
चंद्रमाल Name of a mountain (Vakshargiri) in the western Videh. पश्र्चिम विदेह का एक वक्षारगिरि ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रत्याख्यान प्रवाद- pratyakhyana pravada A part of scriptural knowledge (9th purva) pertaining to code of renunciation. 14 पूर्वो में 9 वां पूर्व; इसमें 84 लाख पद हैं एवं द्रव्य क्षेत्र आदि की अपेक्षा यम-नियमरुप त्याग का कथन है।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मोड़ेवाली गति– Modevali Gati. Transmigratory motion of soul. विग्रहगति; पाणिसुक्ता, लांगलिका, गोमूत्रिका ये तीनों मोड़े वाली गति है”