भगवती आराधना!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भगवती आराधना – Bhagavati Aradhana. Name of a book written by Achrya Shivakoti. आचार्य शिवकोटि (ई,श. १ ) कृत एक ग्रंथ ” इसमें जैन साधुओं की चर्या एंव सल्लेखना विधि का विस्तार से वर्णन है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भगवती आराधना – Bhagavati Aradhana. Name of a book written by Achrya Shivakoti. आचार्य शिवकोटि (ई,श. १ ) कृत एक ग्रंथ ” इसमें जैन साधुओं की चर्या एंव सल्लेखना विधि का विस्तार से वर्णन है “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == जीवात्मा : == ववहारणयो भासदि, जीवो देहो य हवदि खलु इक्को। ण दु णिच्छयस्स जीवो, देहो य कदापि एकट्ठो।। —समयसार : २७ व्यवहार दृष्टि (नय) से जीव (आत्मा) और देह एक प्रतीत होते हैं किन्तु निश्चय दृष्टि से दोनों भिन्न हैं, कदापि एक नहीं।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बद्धायुष्क – जिसको परलोक संबंणी आयु बंण गई हो। Baddhayuska- One who has bound the age for the next birth
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पद्मसुन्दर :A disciple of Pandit Padmameru who wrote a book ‘Bhavishyadattacharit’. पंडित पद्ममेरू के शिष्य एवं भविष्यदत्त चरित के रचयिता ।
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == चोरी : == गुणा गौणत्वमायाति याति विद्या विडम्बनाम्। चौर्येणाकीर्तय: पुंसां शिरस्यादधते पदम्।। —ज्ञानार्णव : १२८ चोरी करने से गुण छुप जाते हैं, विद्या निकम्मी हो जाती है और बदनामी सिर पर चढ़कर बोलती है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रहरण- 7 वें प्रतिनारायण का नाम। Praharana- Name of the 7th Pratinarayana
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्मरथ: Past-birth name of Lord Anantnath, Name of a kind of Hastinapur. धातकीखण्ड में अरिष्ट नगरी का राजा था, अंत में सल्लेखना पूर्वक मरणकर अच्युत स्वर्ग में इंद्रपद प्राप्त किया, वह अनन्तनाथ भगवान का दूसरा पूवभव है इसी भव में उन्होंने तीर्थकर प्रकृति का बंध कया था । मुनि विष्णुकुमार के बडे़भाई हस्तिनापुर के…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रसंग- मन में निर्मल भाव लाने वाली वस्तु, अनुग्रह, कृपा, पवित्र द्रव्य। Prasmga- Occasion, Chance, reference
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्मनाभचरित्र: A book written by Acharya Shubhchandra. आचार्य शुभचन्द्र (ई0 1516 -1556) कृत एक ग्रन्थ ।