ब्रह्मलोक!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मलोक – Brahmaloka. An upper world (the 5th heaven). ५ वां स्वर्ग, लौकांतिक देवों की निवास भूमि “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मलोक – Brahmaloka. An upper world (the 5th heaven). ५ वां स्वर्ग, लौकांतिक देवों की निवास भूमि “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विमलेश्वर – Vimalesvara. Name of the 18th Tirthankar of past era. भूतकालीन १८ वें तीर्थकर “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावतीर्थ – Bhavatirtha. The soul with right perception, knowledge & conduct. तीर्थ का एक भेद; सम्यग्दर्शन, ज्ञान, चारित्र युक्त आत्मा भाव तीर्थ है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भुज्यमान आयु – Bhujyamana Ayu. Present age. वर्तमान में जिस आयु को भोगा जा रहा है वह भुज्यमान आयु है “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मृत्तिका नयन यंत्र–Mrattika Nayan Yantr. A type of metallic plate engraved with some auspicious mystic words. 48 यंत्रों में एक; जिसमे मृत्तिका नयन मन्त्र के अक्षर, शब्द मंत्रो की रचना कोष्ठक आदि बनाकर चित्रित की जाती है”
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावस्वाध्याय – Bhavasvadhyaya. Rethinking of spiritual contents. स्वाध्याय के द्वारा शुध्द आत्मा को अनुभव में लाना “
दंड Punishment . सजा । मन, वचन, कायरूप तीन प्रकार का दंड होता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निर्विंध्या – Nirvindhyaa. A river of Bharat Kshetra Arya Khand (region). भरतक्षेत्र आर्यखण्ड की एक नदी “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विदिशा – Vidisha. Subdirections, quarter parts of the four direc- tions. चारों दिशाओं के अतिरिक्त प्रत्येक दो दिशाओं के मध्य स्थित दिशाएँ – ईशान, आग्रेय, नैऋत्य, वायव्य, ये ४ विदिशाएं कहलाती हैं “