स्थिति बंधापसरण!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिति बंधापसरण – Sthiti Bamdhaapasarana. Reduction of karmic binding with soul.स्थिति बंध का क्रम से धटना।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थिति बंधापसरण – Sthiti Bamdhaapasarana. Reduction of karmic binding with soul.स्थिति बंध का क्रम से धटना।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्मरथ: Past-birth name of Lord Anantnath, Name of a kind of Hastinapur. धातकीखण्ड में अरिष्ट नगरी का राजा था, अंत में सल्लेखना पूर्वक मरणकर अच्युत स्वर्ग में इंद्रपद प्राप्त किया, वह अनन्तनाथ भगवान का दूसरा पूवभव है इसी भव में उन्होंने तीर्थकर प्रकृति का बंध कया था । मुनि विष्णुकुमार के बडे़भाई हस्तिनापुर के…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाषा पर्याप्ति – Bhasha Paryapti. Power of vocal or verbal completion (caused by some karmic nature). स्वर नामकर्म के उदय से भाषा वर्गणा रूप पुद्ग्ल स्कन्धों को सत्य, असत्य, उभय, अनुभय भाषारूप परिणमावने की शक्ति की निष्पति होना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्थावर -Sthaavara. Immobile or static beings like earth, water, air, fire & plants (one-sensed).स्थावर नामकर्म के उदय से जीव स्थावर कहलाते है। स्थावर जीव एक स्पर्षन इन्द्रिय के द्वारा ही जानता, देखता, खाता है इसलिये उसे एकेन्द्रिय स्थावर जीव कहा है। इनके पाॅच भेद है- पृथिवीकाय, जलकाय, अग्निकाय, वायुकाय और वनस्पति काय।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पद्मनाभचरित्र: A book written by Acharya Shubhchandra. आचार्य शुभचन्द्र (ई0 1516 -1556) कृत एक ग्रन्थ ।
[[श्रेणी :शब्दकोष ]] मिश्र औदरिक कयायोग–Mishra Oudarik Kayayoga. See –Oudarik Mishra Kayayoga. देखे–औदरिक मिश्रकयायोग”
चरमदेह Ultimate body, through which one attains salvation in the same birth. अंतिम शरीर, जिससे मोक्ष हो ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सम्यगनेकांत – Samyaganekaanta. Right philosophy of manifold religious aspects. युक्ति व आगम से अविरुद्व एक ही स्थान पर प्रतिपक्षी द्वारा अनेक धर्मों के स्वरुप का निरुपण करना सम्यगनेकान्त है।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मेरुधन–Merudhan. Name of a chief disciple of Lord Adinath. भगवान्आदिनाथ के एक गणधर का नाम”