पूर्वभाव प्रज्ञापन नय!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पूर्वभाव प्रज्ञापन नय – Poorvabhaava Pragyaapana Naya. See – Poorva Pragyaapana Naya. देखें – पूर्व प्रज्ञापन नय “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पूर्वभाव प्रज्ञापन नय – Poorvabhaava Pragyaapana Naya. See – Poorva Pragyaapana Naya. देखें – पूर्व प्रज्ञापन नय “
चतुर्गति-निगोद Falling back into the lower world from the higher form of life. इतर निगोद ; जो त्रस पर्याय पाकर फिर निगोद में उत्पन्न हुए हैं ऐसे जीव चतुर्गति निगोद कहलाते हैं ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
गणिनी Chief in Aryikas (Digambar Jain female ascetics). There are 24 Ganinis (Chief Aryikas) in all 24 holy assemblies of Tirthankars (Jaina Lords). जैनाचार्यों के सामान ही आर्यिका का एक प्रमुख पद जो शिष्याओं को शिक्षा-दीक्षा देकर आर्यिका संघ का संचालन करती हैं। मुनियों के सामान आर्यिकाओं के भी २८ मूलगुण होते हैं और वे…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पूर्वरतानुस्मरणत्याग – Poorvataanusmaranatyaaga. Giving up of rememberings of the former sensual pleasures. पूर्व में भोगे हुए इन्द्रिय सुखों के स्मरण का त्याग करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संयतिका – Sanyatikaa. Synonym word for Aryika (Digambar Jain female ascetic). आर्यिका का पर्यायवाची नाम “
खोह The hollowness of a tree, A cave. वृक्ष का कोटर ;साधुओं के निवास या ध्यान योग्य स्थान । [[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पूर्णाहुति – Poornaahuti. Complete oblation, the burnt offering which concludes auspicious ceremony. हवन यज्ञ; धार्मिक अनुष्ठानों, पूजा-विधानों के पश्चात हवन कुण्ड बनाकर धुप आदि सामग्री के द्वारा अग्नि में हवन करना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संमेदाचल महात्म्य – Sammedaachala Mahaatmya. Name of a composition written by Pandit Manaranglal. पंडित मनरंगलाल (ई. 1793-1843) द्वारा विरचित भाषा छंदबद्ध कृति “
खंडकृष्टि Medium attenuation, a part of krashti (gradual destruction of passions). कृष्टि का भाग ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == सज्जन : == सम्माणेसु परियणं पणइयणं पेसवेसु मा विमुहं। अणुमण्णह मित्तयणं सुपुरिसमग्गो फूडो एसो।। —कुवलयमाला: ८५ परिजनों का सम्मान करो, प्रेमीजनों के प्रति उपेक्षा मत करो और मित्रजनों का अनुमोदन करो, यही सज्जनों का सही मार्ग है। थेवं पि खुडइ हियए अवमाणं सुपुरिसाण विमलाणं। वाया लाइय—रेणुं पि पेच्छ…