स्वसमय प्रवृत्ति!
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वसमय प्रवृत्ति – Svasamaya Pravrtti. Engrossment into self. स्वरुप मे चरण करना चारित्र है, स्वसमय मे प्रवृत्ति करना इसका अर्थ है। देखे-स्वसमय।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वसमय प्रवृत्ति – Svasamaya Pravrtti. Engrossment into self. स्वरुप मे चरण करना चारित्र है, स्वसमय मे प्रवृत्ति करना इसका अर्थ है। देखे-स्वसमय।
दर्शनविशुद्धि Purity of right faith. 16 कारण भावना में पहली भावना सम्यग्दर्शन को अत्यन्त निर्मल व दृढ़ हो जाना। इसके होने पर ही तीर्थंकर प्रकृति का बंध संभव है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == जिनवाणी : == जिनवचनमौषधमिदं, विषयसुखविरेचनम् अमृतभूतम्। जरामरणव्याधिहरणं, क्षयकरणं सर्वदु:खानाम्।। —समणसुत्त : १८ जिनवाणी वह अमृत समान औषधि है, जो विषय—सुखों का विरेचन करती है, जरा व मरण की व्याधि को दूर करती है और सभी दु:खों का क्षय करती है। लब्धमलब्धपूव, जिनवचन—सुभाषितं अमृतभूतम्। गृहीत: सुगतिमार्गो, नाहं मरणाद् बिभेमि।।…
[[श्रेणी: शब्दकोष]] स्वर्णनाभ – Svarnanaabha. Name of the 17th city in the south of Vijayardha mountain, name of a king of Arishtapur. विजयार्ध की दक्षिण श्रेणी का 17वां नगर, अस्ष्टिपुर नगर का राजा। कृष्ण की रानी पद्यावती का पिता।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रोगराहित्य – रोगरूपी बाधा का अभाव होना। अर्हत भगवान के देवकृत अतिषयों में एक अतिषय। समवषरण में सम्पूर्ण जीवों को रोग आदि की बाधाए नही होना। Rogarahitya-Devoid of disease, an excellence of lord Arihant
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संध्या – Sandhyaa. Evening, Joining period of night-morning, morning-afternoon & evening-night (i.e. dawn, mid-joining & dusk). शाम ” प्रातः,मध्यान्ह,सायंकाल के संधिकालों को संध्या कहते हैं ” इन संधिकालों में वंदना एवं सामायिक की जाती है “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वरुप (देव) – Svaruupa (Deva). A type of peripatetic deities of Yaksh type, Name of an Indra of some peripatetic deities of Bhoot types. यक्ष जाति के व्यंतर देवो के 12 भेदो मे 10वां भेद, भूत जातिक के व्यंतर देवो का इन्द्र।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राजवृत्ति – राजा का कार्य, पक्षपात हो कुल की मर्यादा, बुद्धि और अपनी रक्षा करते हुए न्याय पूर्वक प्रजा का पालन करना राजाओं की राजवृत्ति कहलाती है। Rajavrtti-Ruling duties of a king
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विश्व – Vishva. World. संसार; ६ महाद्वीपों में उपलब्ध संसार “
एतिकायन One believing in ignorance. एक अज्ञानवादी मत को मानने वाला।[[श्रेणी:शब्दकोष]]