म्रत्युंजययंत्र!
[[श्रेणी :शब्दकोष]] म्रत्युंजय यंत्र–Mratyunjay. A type of metallic plate engraved with some auspicious mystic words. 48 यंत्रों में एक; जिसमे मृत्तिका नयन मन्त्र के अक्षर, शब्द मंत्रो की रचना कोष्ठक आदि बनाकर चित्रित की गयी है”
[[श्रेणी :शब्दकोष]] म्रत्युंजय यंत्र–Mratyunjay. A type of metallic plate engraved with some auspicious mystic words. 48 यंत्रों में एक; जिसमे मृत्तिका नयन मन्त्र के अक्षर, शब्द मंत्रो की रचना कोष्ठक आदि बनाकर चित्रित की गयी है”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वज्रार्गल –Vajraargal: Name of the 13th city of southern Vijayardh mountain. विजयार्ध की दक्षिणश्रेणी का 13वां नगर “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नैष्ठिक ब्रह्मचारी – Naishthika Brahmchaari. A celebate following the prescribed riles 7th Pratima. सातवीं ब्रह्मचर्यप्रतिमा के नियमों का पालने वाला ब्रह्मचारी”
चतुर्थच्छेद Number of times that a number can be divided by 4. किसी संख्या को ४ से जितनी बार भाग दिया जा सके ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य नास्तिक्य – Bahaya Nastikya. Those who believe in the philosophy of atheism. नास्तिक्य का एक भेद; द्रष्ट, घट आदि ही सत है इनसे अतिरिक्त जीव , अजीवादी तत्त्व कुछ नहीं है ऐसी एकांत मान्यता मानने वाले “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नैॠत्य – Nairtya. Name of a direction, a guardian deity, a ruling deity of a lunar. दिशा; पश्चिम दक्षिणी कोणवाली विदिशा, लोकपाल देवों का एक भेद, एक नक्षत्र ‘मूल’ के अधिपति देवता का नाम “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वज्रघोष – Vajraghosh. One who was soul of Lord Parshvanath & became an elephant after killed by Kamath. तीर्थंकर पार्श्वनाथ का जीव जो कामथ द्वारा मारा जाने पर सलल्की वन में वज्रघोष हाथी हुआ “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नेमिचंद्र – Nemichandra. Name of a great Aacharya, the writer of Gommatsar etc.great books of Jainism. सिद्धांत चक्रवर्ती; गोम्माटसार, त्रिलोकसार, लब्धिसार, द्रव्यसंग्रह आदि के कर्ता आचार्य, चामुंडरायके गुरु ” समय-ई.श.10-11 “
चतुर्थ-भक्त A kind of a particular fasting. पहले और तीसरे दिवस दिन में दो बार भोजन लेना और बीच के दिन कुछ नहीं लेना ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]