लाभांतराय!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लाभांतराय – जिस कर्म के उदय से जीव किसी वस्तु को प्राप्त करने की इच्छा करता हुआ भी प्राप्त नही कर पाता। Labhamtaraya-Obstruction in getting desirable attainment
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लाभांतराय – जिस कर्म के उदय से जीव किसी वस्तु को प्राप्त करने की इच्छा करता हुआ भी प्राप्त नही कर पाता। Labhamtaraya-Obstruction in getting desirable attainment
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सुमनस – Sumanasa. The first heavenly aboding place of Urddhva Graiveyak. ऊध्र्व ग्रैवेयक का प्रथम इन्द्रक विमान ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पारा – Para. Mercury, A river of Bharat Kshetra in Arya Khand (region). एक धातु, भरत क्षेत्र आर्यखण्ड की एक नदी “
उद्देश A subdivision of chapter, Enunciation. निर्देश: विवेचनीय वस्तु के केवल नामोल्लेख करने को उद्देश कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लेश्या मार्गणा – Leshyaa maarganaa.: Investigation of attitudes of beings. 14 मार्गणाओं में एक मार्गणा जिससे जीव के भावों का अन्वेषण किया जाता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पापकर्मैकसग्रता- Papakarmaikasargata. Absence of the sense of right knowledge- an infraction of mditative relaxation. कायोत्सर्ग का एक अतिचार; कर्तव्य अकर्तव्य के विवेक से शून्य होना, मूढ़ता और कायोत्सर्ग के समय हिंसादि के परिणामों का उत्कर्ष होना”
दीप्ति Effulgence, Lustre, Radiance. तेज, चमक, प्रभा । इक्ष्वाकुवंशी एक राजा का नाम ।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाव अनुयोगद्वार – Bhava Anuyogadvara. A kind of disquisition door (Anuyogadvar). अनुयोगद्वार का एक भेद या भाव प्ररूपणा “