रूपरेखा!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रूपरेखा – प्रारूप, कार्य या क्रिया विधि बनाना। Ruparekha-General outline
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[[श्रेणी :शब्दकोष]] मौलि– Mauli. Crown with great lustre possessed by celestial beings. दैदीप्यमान मुकुट,इसेस्वर्ग के देव धारण करते है”
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वयंवर – Svayammvara. An ancient tradition of choosing a bridegroom by a bride, father’s name of the 4th Jaina Lord Abhinandannath. एक प्राचीन कथा- एक राजकुमारी द्वारा अपने पति का चुनाव करना, अयोध्या नगरी के राजा, इनकी रानी सिद्वार्था थी और चैथे तीर्थकर अभिनन्दननाथ भगवान के पिता थे।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] र – देवनागरी लिपि का सत्ताईसवां व्यंजन अक्षर, इसका उच्चारण स्थान जीभ से अगले भाग की मूर्धा को स्पर्ष करने से होता है। Ra-The 27th consonant of the devanagari syllabary
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संततता – Santatataa. Continuance, Iteration, Tradition. निरंतर, संतत, परम्परा “
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वभाव सिद्व – Svabhaava Siddha. . Self proved or identified matter. अहेतुक या स्वतः सिद्व। जैसे वास्तव मे द्रव्यो मे द्रव्यान्तर की उत्पत्त्ति नही होती, क्योकि सर्व द्र्रव्य स्वभाव सिद्व है उनकी स्वभाव सिद्वता अनादि से है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बुधजन – Buddhajana. Name of a pandit who wrote Tattvarth Bodh, Panchastikaya Bhasha etc many books. तत्वार्थ बोध , पञ्वास्तिकाय भाषा, बुधजन विलास, बुधजन सतसई आदि के कर्ता जयपुर निवासी एक पण्डित का नाम “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] बाह्य प्राण – Bahya Prana. All valuable articles to be very dear to a person. लोक में स्वर्ण, धन आदि जितने भी पदार्थ हैं वे सब प्राणियों को अत्यंत प्रिय होने के कारण बाह्य प्राण कहलाते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] योगचंद्र – ई ष 12 में योगसार के कत्र्ता एक दिगम्बर का नाम। Yogacamdra-Name of a Digambar acharya who wrote a book ‘Yogsar’
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भव्यत्व भाव – Bhvyatva Bhava. Worthy feeling for salvation. जीव के पारिणामिक भाव का एक भेद ” देखें – भव्यत्व “