वशार्तमरण!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वशार्तमरण – Vashaartamaran.: A kind of death of one under all worldly panic desires. आर्त्त रौद्र ध्यान सहित मरण ” यह 4 प्रकार का है – इन्द्रियवशार्त, वेदनावशार्त, कषायवशार्त और नोकषायवशार्त “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वशार्तमरण – Vashaartamaran.: A kind of death of one under all worldly panic desires. आर्त्त रौद्र ध्यान सहित मरण ” यह 4 प्रकार का है – इन्द्रियवशार्त, वेदनावशार्त, कषायवशार्त और नोकषायवशार्त “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वीतराग सम्यग्दर्शन –VitaragaSamyagdarsana. Right faith without any attachment. निश्चय सम्यग्दर्शन, वीतराग चारित्र के साथ अविनाभावी, जिस सम्यकत्व भाव में आत्मा की विशुध्दी, तन्मयता हो ” यह सातवें से दसवें गुणस्थान तक होता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वर्मिला – Varmilaa.: Another name of mother of Lord Parshvanath. भगवान् पार्श्वनाथ की माता वामा देवी का अपरनाम ” इनका एक नाम ब्राह्मी भी आता है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नाटक समयसार – Nataka Samayasara A book written by pandit banarsidas. पं. बनारसीदास द्वारा समयसार पर रचित एक ग्रंथ “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भाषा वर्गणा – Bhasha Vargana. See – Bhasha Dravya Vargana. देखें – भाषा द्रव्य वर्गणा “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सोमदत्त – Somadatta. Name of the 8th chief disciple of Lord Rishabhnath. Name of a particular person of Jaina History. तीर्थकर वृषभनाथ के 8 वें गणधर । एक सेठ जिन्होंने जिनदत्तसेठ से आकाशगामिनी वि़द्या को सिद्ध करने का उपाय सीखा, परन्तु अस्थिर चित्त के कारण सिद्ध न कर सके, उसको विद्युच्चर चोर ने सिद्ध…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भव्यकूट – Bhavyakuta. A type of stoop with rediant summits (in Samavasharan-assembly of Lord Arihant) समवशरण में दैदीप्यमान शिखरों से युक्त एक स्तूप एक जिसे भव्य जीव ही देख पाते हैं ” इसे अभव्य जीव नहीं देख पाते हैं क्योंकि स्तूप के प्रभाव से उनके नेत्र अंधे हो जाते हैं “
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मुक्तिपथ–Muktipath. Path of salvation. परिग्रह का त्याग मुक्तिमार्ग है”