ब्रह्मविद्या!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मविद्या – Brahmavidya. A book written by Acharya Mallishen. आचार्य मल्लिषेण (ई. ११२८ ) द्वारा रचित एक ग्रंथ “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मविद्या – Brahmavidya. A book written by Acharya Mallishen. आचार्य मल्लिषेण (ई. ११२८ ) द्वारा रचित एक ग्रंथ “
[[ श्रेणी:जैन_सूक्ति_भण्डार ]] [[ श्रेणी:शब्दकोष ]] == गुण : == गुणानामाश्रयो द्रव्यं, एकद्रव्याश्रिता गुणा:। लक्षणं पर्यवाणां तु, उभयोराश्रिता भवन्ति।। —समणसुत्त : ६६१ द्रव्य गुणों का आश्रय या आधार है। जो एक द्रव्य के आश्रय रहते हैं वे गुण हैं। पर्यायों का लक्षण द्रव्य व गुण, दोनों के आश्रित रहना है। णयरम्मि वण्णिदे जह ण वि,…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सूक्ष्म साम्पराय – Sukshma Saamparaaya. Minute passions, spiritual stage of slight delusion. सूक्ष्म कषाय को सूक्ष्म साम्पराय अर्थात 10 वां गुणस्थान कहते हैं जहाॅं मात्र सूक्ष्म लोभ् का उदय रह जाता है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पिता – Pita. Father, Name of a presiding deity of a lunar ‘Magha’. जनक, मघा नामक नक्षत्र के अधिपति देवता का नाम “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पद्मावती (आर्यिका):A disciple Aryika of Ganini Aryika Shri Gyanmati Mataji. गणिनीपमुख श्री ज्ञानमती माताजी की एक आर्यिका शिष्या। जिन्होंने अपनी त्याग की कठोर साधना के साथ-साथ जीवन में दो बार (ई0 सन 1970एवं 1971 में), भादो के महीे में सोलहकारण के 31-31 उपवास कियें ।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मौनाध्ययन वृत्ति– Maunaadhyayan vratti. To study silently. शास्त्र समाप्ति पर्यत गुरु के पास मौनपूर्वक अध्ययन करना”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सूक्ष्म आलोचना – Sukshma Aalochanaa. An infraction of self criticism, hiding big faults (but exposing little faults). आलोचना का एक अतिचार । छोटे-छोटे दोष कहकर भय, मद कपट आदि के कारण बडे दोष छिपाना ।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] पिंगल (शास्त्र) – Pimgala (Sastra). A treatise (prosody or metrics). एक छन्द शास्त्र “
[[श्रेणी: शब्दकोष]] पद्महृद:A lake situated at Himvan mountain. हिमवान् पर्वत स्थित हृद (तालाब)।
[[श्रेणी :शब्दकोष]] मोहनीय कर्म प्रकृति–Mohniya Karm Prakrati. Karmic nature of delusion. 8 कर्मो में चौथा कर्म; जिस कर्म के उदय से जीव हित–अहित के विवेक से रहित होता है”