बारह!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बारह- 12; 12 अंग रुप श्रुतज्ञान, 12 अनुप्रेक्षा आदि। Baraha- Twelve (12 part of scriptural knowledge etc)
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बारह- 12; 12 अंग रुप श्रुतज्ञान, 12 अनुप्रेक्षा आदि। Baraha- Twelve (12 part of scriptural knowledge etc)
हुण्डावसर्पिणी काल- असंख्यात अवसर्विणी- उत्सर्पिणी काल की शलाकाओं के बीत जाने पर प्रसिद्ध एक हुण्डावसर्पिणी आती है उसके चिन्ह है- विकलेन्द्रिय जीवो की उत्पत्ति अधिक होती है। इस काल में कल्प वृक्षों का अन्त और कर्मभूमि का व्यापार प्रारम्भ हो जाता है चक्रवर्ती की विनयभंग 58 ही श्लाका पुरुष उत्पन्न होते है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बादर सांपराय – स्थूल कषायो को बादर साम्पराय कहते है ” अनावृतिकरण गुणस्थान का अपरनाम ” Badara Sampraya- Gross passions
उत्तरप्रकृति विपरिणमना Transition of secondary karmic nature. सत् का अवस्थान्तर की प्राप्ति करना जो प्रकृति देश या सर्व संक्रमण के द्वारा अन्य प्रकृति में संक्रमण को प्राप्त करायी जाये।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रहारसंक्रामिणी विधा- एक मन्त्र विधा। धरणेन्द्र द्वारा नमि और विनमि को प्रदतत लोकहितकारिणी एक विधा। Praharasamkramini Vidya- A type of magical power of mystic word
उत्तरचर हेतु Something causing accomplishment of the past in present. पूर्व में जो हो गया है उसकी वर्तमान में सिद्धि करने वाला हेतु।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संख्यात गुणवृद्धि – Sankhyaata Gunavriddhi. Multiplicative increase in numbers. किसी संख्या का संख्यात गुणा किसी में बढ़ाना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रसारिताबाहु तप – कायक्लेष तप; दोनो बाहों को ऊपर करके खड़े होना। Prasaritabahu Tapa- A type of physical mortification, an external austerity
[[श्रेणी:शब्दकोष]] बहुविध- मतिज्ञान का एक भेद; बहुत प्रकार के अलग-अलग पदार्थो का ज्ञान होना। Bahuvidha- A type of sensory knowledge pertaining to many objects
उत्कृष्टपरीतानंत An uncountable number. जघन्ययुक्तानंत की संख्या से एक कम।[[श्रेणी:शब्दकोष]]