राज्यातिक्रम!
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राज्यातिक्रम – करवंचन – राज्य नियमों के विरूद्ध टैक्स चुडी बचाना आदि अस्तेय व्रत का एक अतिचार। Rajyatikarma-Tax evasion
[[श्रेणी:शब्दकोष]] राज्यातिक्रम – करवंचन – राज्य नियमों के विरूद्ध टैक्स चुडी बचाना आदि अस्तेय व्रत का एक अतिचार। Rajyatikarma-Tax evasion
आवृत्तकरण Obscuration (related to Karmic theory). अन्य प्रकृति रूप करके कर्म का नाश करना।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] निश्चय अनशन – Nishchaya Anasana. Absolute fasting with conquering the worldly desires. मुनि अवस्था में विषय सुख की अपेक्षा न करते हुए अर्थात् मन व इंद्रियों को जीतते हुए आत्मसुख में ही निवास करना”
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शलाका पुरुष – Shalaakaa Purush. Particular 63 great personages like Tirthankar (Jaina-Lord), Chakarvarti (emperor) etc. in Jaina realm. तीर्थंकर, चक्रवर्ती आदि प्रसिद्द पुरुषों को शलाका पुरुष कहते है ” प्रत्येक कल्पकाल में ये 63 होते हैं ” 24 तीर्थंकर, 12 चक्रवर्ती, 9 नारायण, 9 प्रतिनारायण, 9 बलभद्र “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मर्षि – Brahmarsi. Saints having supernatural knowledge (pertain- ing to wisdom and medicines), Another name of Laukantik deities. बुद्धि और औषधि ऋध्दियुक्त साधु ब्रह्मर्षि कहलाते हैं , लौकांतिक देवों को भी ब्रह्मर्षि कहते हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] लोभ दोष –Lobha Dosh A fault related to saint –food talking (showing greed by the saints). यदि साधु लोग प्रगट करके आहार प्राप्त करे तो यह लोभ नाम का दोष है “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मदत्त – Brahmadatta. Name of the 12th Chakravarti. १२ वें चक्रवतीं का नाम, जो मरकर ७ वें नरक गये “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] रथी – राजाओं के पाच भेदो में से एक भेद, ये भेद हैं – अतिरथ, महारथ, समरथ, अध्र्र्र्र्थ, रथि। Rathi-A great warrior
आहारक काय योग Vibration in soul-points while translocation of Aharak Sharir. आहारक शरीर के काम करते हुए जो आत्मा के प्रदेश सकंप होते हैं उसे आहारक काय योग कहते हैं।[[श्रेणी:शब्दकोष]]