चतुर्विध बंध!
चतुर्विध बंध Four types of Karmic bondage. ४ प्रकार का कर्मबंध ; प्रकृति , प्रदेश , अनुभाग , स्थिति बंध ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चतुर्विध बंध Four types of Karmic bondage. ४ प्रकार का कर्मबंध ; प्रकृति , प्रदेश , अनुभाग , स्थिति बंध ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समयमूढ़ता – Samayamoorhataa. Inclination towards false beliefs because of magnificence of wrong philosophy. आश्चर्य उत्पन्न करने वाले ज्योतिष, मंत्रवाद आदि को देखकर सर्वज्ञ कथित धर्म को छोड़कर मिथ्या देव-श्षास्त्र और खोटा तप करने वाले कुलिंगियो एवं कुधर्म को भय, वांछा और लोभ से प्रणाम, विनय, पूजा, सत्कार आदि करना समयमूढ़ता है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] पृथिवि (नरक) – Prthivi (Naraka). Earths of 7 Hells. सात नरकों की सात पृथिवियाँ “
चामीकर यन्त्र A type of syringe; a water pump. जलक्रीड़ा में काम में आने वाला स्वर्णमाय यन्त्र (पिचकारी) ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मध्यम पात्र – Madhyam patra. Medium graded spiritual persons who follow rightenous observances. पात्र के तीन भेदों में एक भेद ; आर्यिका , सप्तम प्रतिमाधारी से उत्कृष्ट श्रावक (एलक- क्षुलल्क) मध्यम पात्र कहलाते हैं अथवा सम्यग्द्रष्टि देशवर्ती श्रावक मध्यम पात्र कहलाते हैं ” इसी प्रकार दिगंबर महामुनि उत्तम पात्र होते हैं एवं अविरत्त…
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावभावक भाव – Bhavabhavaka Bhava. A relation between soul & result oriented Karmas. संबंध; आत्मा एवं फल देने की सामर्थ्य से युक्त कर्म एवं आत्मा, दोनों में भाव-भावक भाव है “
द्वीपार्धचक्रवाल Name of Manushottar mountain. मानुषोत्तर पर्वत।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
चरम फालि The last resultant mixing of Karmic molecules. कर्मों की स्थिति घटाकर कर्म परमाणुओं को जो अंतसमय नीचे के निषेकों में मिलाया जाता है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी: शब्दकोष]] मधुरा – Madhura. Another name of city Madura. दक्षिण द्रविड़ देश में वर्तमान मदुरा नगर “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वैनयिक –Vainayika. A part of Shrutgvan (scriptural knowledge).Containing description of politeness. अंगबाह्य श्रुतज्ञान का पांचवा अंग, इसमे ५ प्रकार के विनयों का कथन हैं “