स्वानुभूति!
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वानुभूति – Svaanubhuuti. Self realization or intuition. आत्मानुभूति। आत्मा का अनुभव या ज्ञान जो सम्यक्त्व स्वरुप है।
[[श्रेणी: शब्दकोष]]स्वानुभूति – Svaanubhuuti. Self realization or intuition. आत्मानुभूति। आत्मा का अनुभव या ज्ञान जो सम्यक्त्व स्वरुप है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] साकार स्थापना – Saakaara Sthaapanaa. If the representative and the represented are similar in fiqure, then such installation are called Sakar Sthapana. तदाकार स्थापना निक्षेप, पाषाण या धातु की बनी हुई तदाकार प्रतिबिम्ब मे जिनेन्द्र भगवान की या इन्द्र की स्थापना करना तदाकार स्थापना है।
[[श्रेणी:शब्दकोष]] सांख्यदर्शन – Saankhyadarshana. Name of a philiosophy, its founder was Mahrshi Kapil. एक एकांत दर्षन इसके मूूल प्रयोग महर्षि कपिल थे। इस दर्षन के मूल पदार्थ दो है- पुरुष व प्रकृति। पुरुष चेतन तत्तव है और प्रकृति जड़ है।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विपाक सूत्र – Vipaka Sutra. The 11th Anga (part) of Shrutgyan- scriptural knowledge (containing description of all 8 Karmas in Jainism). द्वादशांगश्रुत का ११ वां अंग ” इनमें ज्ञानावरण आदि ८ कर्मों के विपाक का एक करोड़ ८४ लाख पदों में वर्णन किया गया है “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रभंजन- मानुशोत्तर पर्वत का एक कूट व उसका स्वामी एवं भवनवासी वायुकुमार देवों का इन्द्र। prabhamjana – name of a summit of manushottar mountain and its ruling deity.
फलराशि Resultant quantity. त्रैराशिक विधान में जो उत्तर या फल के रूप में राशि प्राप्त होती है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रदेशत्व- द्रव्य का एक सामान्य गुण; जिस शक्ति से द्रव्य का कोई न कोई आकार बना रहता है। pradesatva – characteristics of occupancy in any matter
तैरश्चिक A mountain of Bharat kshetra (region). भरत क्षेत्र में स्थित एक पर्वत का नाम । [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] प्रलय- विनाष, सृश्टि विनाष। अवसर्पिणी काल में छठें-दुखमा काल के उनचास दिन कम इक्कीस हजार वर्शो के बीत जाने पर जंतुओं को भयदायक घोर प्रलयकाल प्रवृत्ती होता है। Pralaya- Dissolution of the world, disaster, catastrophe