उपभोगान्तराय कर्मप्रकृति!
उपभोगान्तराय कर्मप्रकृति Obstructive karmas of enjoyment. अंतराय कर्म का एक भेद जो उपभोग पदार्थों के उपयोग में बाधा डाले।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
उपभोगान्तराय कर्मप्रकृति Obstructive karmas of enjoyment. अंतराय कर्म का एक भेद जो उपभोग पदार्थों के उपयोग में बाधा डाले।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चर्याश्रावक Observance of a householder. अभ्यासी श्रावक का आचरण ; दर्शन प्रतिमा से अनुमति त्याग प्रतिमा तक ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समाधिमरण – Samaadhimarana. The holy death of saints. सल्लेखना, इसमें शरीर मे ममत्व छोड़कर देह का विसर्जन किया जाता है।
उपयोग Conscious activity, Applied/functional consci-ousness, Cognition . जीव का लक्षण चेतना की ज्ञान-दर्शन रूप परिणति।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] शुभोपयोगी – Shubhopayogee. One involved in auspicious conduct. जो देशचारित्र अथवा सकलचारित्र का पालन करते हुए धर्म क्रियाओं में लीं रहते हैं, वे शुभोपयोगी श्रावक या मुनि कहलाते हैं “
उपपादगृह” ‘Place of birth of Indras etc. स्वर्ग के इन्द्र की उत्पत्ति का ग्रह यह मानस्तम्भ के पास आठ योजन चैडा इतना ही लम्बा ऊँचा होता है।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
चित्रगृह A special part of the residence of some deities. भवन्वासी देवों के भवनों में एक गृह ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] समवसरण व्रत – Samavasarana Vrata. A type of vow (fasting) to be observed for different 24 days in regard to the different auspicious objects of Samavasaran (the holy assembly of Lord Arihant). तीर्थकर के समवसरण मे मानस्तंभ, आठ भूमियंा, तीन कटनी, अतिशय, प्रातिहार्य, अनंतचतुष्टय तथा मुनि, आर्यिका, देव, देवी, मनुष्य एंव तियैच आदि द्वारा…
[[श्रेणी:शब्दकोष]] संचया – Sanchayaa. Name of a main city of Mangalavati region of eastern Videh (region). पूर्व विदेह्स्थ मंगलावती क्षेत्र की मुख्य नगरी “