दर्प!
दर्प Pride, conceit, pompness, arrogance. अहंकार, घमंड।[[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वपुः स्पर्श – Vapu Sparsh. Touching the body organs (a fault of meditative relaxation). व्युत्सर्ग (कायोत्सर्ग ) का एक दोष ; शरीर को इधर – उधर स्पर्श करते हुए कायोत्सर्ग करना “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भयद्विक् – Bhayadvik. Dyad of Karmic nature related to fear. भय, जुगुप्सा (कर्म प्रकृतियों से संबंधित) “
त्रसघात Destruction of micro beings. त्रस जीवों का घात होना, जो मांस , शहद आदि पदार्थों के सेवन से होता है। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] वृत्त –Vrtta. Circle, A type of religious conduct. वर्तुलाकार, गोल, पापारम्भ के कार्यो से विरक्त होने में सहायक कर्म ” ये देव – पूजा आदि ६ होते हैं इनका आचरण करना वृत्त कहलाता हैं “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नोगौण्य पद – Nogounya Pada. Meaningless words, not in accordance with the relative qualities. जिन संज्ञाओं में गुणों के अपेक्षा न हो अर्थात् जो असार्थक नाम है “
त्याग Renunciation (related to all passions). छोडना, विरक्त होना, सारे पर द्रव्यों के मोह को छोडकर संसार देह और भोगों से उदासीनता। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]
[[श्रेणी:शब्दकोष]] वध परिषहजय –Vadha Parishahajaya: To forbear the violent behaviour of other with equanimity (an affiction). अश्त्र – शस्त्र आदि के द्वारा घात किये जाने पर मारने वाले के प्रति साधु द्वारा आक्रोश न कर समता भाव से सहन करते रहना “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] नो इंद्रिय प्रणिधान – No Indriya Pranidhaan. Passionate volitions. क्रोध, मान, माया, लोभ, हास्य, रति, अरति, शोक, भय, जुगुप्सा, तथा तीनों वेड, एन के परिणाम “
तृण स्पर्श Affliction in the grassy resting with troublesome materials. 22 परीषहों में एक परीषह , सूखे तिनके, कंकर , पत्थर आदि की वेदना को समतापूर्वक सहन कराना। [[श्रेणी: शब्दकोष ]]