मनुज!
[[श्रेणी : शब्दकोष]] मनुज – Manuja. Man, a human being. मनुष्य “
[[श्रेणी:शब्दकोष]] स्तुति विद्या – Stuti Vidyaa. Name of a treatise written by Acharya. Samantbhadra.आचार्य समन्तभद्र द्वारा संस्कृत भक्ति विषयक ग्रन्थ, जिनषतक। समय – ई0 120. 185।
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विशेष उपयोग – Vishesha. Special consciousness. ज्ञानोपयोग या साकारोपयोग, जो सामान्य – विशेशात्म्क पदार्थो के आकार को ग्रहण करे अर्थात् ज्ञान पदार्थो को विशेष करके जानता है “
चित्कर्म Activities causing accumulation of Punya (meritorious Karmas). जिससे पुण्य कर्म का संचय हो वह चित्कर्म है ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] विवर – Vivara. The opening, cracks, holes, The big holes in the bottom of Lavan ocean celled as patal (Lower world). दरार, छिद्र, अंतराल, स्थान, अवकाश, लवण, समुद्र की तली में स्थित बड़े –बड़े खड, जिन्हें पाताल भी कहते हैं “
[[श्रेणी : शब्दकोष]] ब्रह्मचारी – Brahmacari. A celibate. ब्रह्मचर्य व्रत को परिपूर्ण रूप से पालन करने वाला “
चेटक A king of Vaishali who was maternal grand father of Lord-Mahavira, A male servant. वैशाली नगर के राजा व भगवान महावीर के नाना , सेवक , दास ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]
[[श्रेणी : शब्दकोष]] भावकाय – Bhava Kaya. Renouncement of bodily attachment. गुप्ती; कायगत ममता रूप परिणाम का त्याग करना भावकाय गुप्ती है “
चारण A protecting deity of ‘Nabhigiri’ (mountain). नाभिगिरी का एक राक्षस देव ।[[श्रेणी:शब्दकोष]]